एफएनएन, पुरी: ओडिशा का तीर्थ नगर पुरी आज शुक्रवार को श्री जगन्नाथ रथ यात्रा 2025 के लिए पूरी तरह से तैयार है. हजारों श्रद्धालु इस महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन में भाग लेने के लिए वहां पहुंच चुके हैं. जानकारी के मुताबिक इस रथयात्रा के दौरान, भक्त भगवान जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र और बहन देवी सुभद्रा तीन देवताओं के भव्य रथों को खींचते है. बता दें, तीनों देवता गुंडिचा मंदिर में एक सप्ताह बिताते हैं, जिसके बाद वे यहां जगन्नाथ मंदिर में वापस आते हैं.
जानकारी के मुताबिक रथयात्रा शाम 4 बजे शुरू होगी. उससे पहले सुबह से ही विधि-विधान से पूजा की शुरुआत हो चुकी है.
हर बार की तरह इस बार भी जगन्नाथ रथ यात्रा 2025 में भारी भीड़ उमड़ी है. इस रथयात्रा 2025 को देखने के लिए लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से यहां पुरी आते हैं और त्रिदेवों के दर्शन करते हैं. देवता साल में एक बार जाति, धर्म और संप्रदाय से ऊपर उठकर भक्तों से मिलने के लिए 12वीं सदी के मंदिर से बाहर आते हैं. यह रथयात्रा 27 जून से शुरू हो रहा है और इसका समापन 8 जुलाई को होगा.
सुरक्षा व्यवस्था
भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा को लेकर सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी की गई है. अधिकारियों ने बताया कि वार्षिक रथ यात्रा समारोह के लिए लगभग 10,000 सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया है, वहीं, निगरानी के लिए शहर के विभिन्न स्थानों पर 250 से अधिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-सक्षम कैमरे भी लगाए गए हैं. उत्सव के लिए तैनात 10,000 सुरक्षा कर्मियों में ओडिशा पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की आठ कंपनियां भी शामिल हैं. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि चूंकि इस वर्ष रथ यात्रा पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद आयोजित की जा रही है, इसलिए विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा व्यवस्था की गई है.
ओडिशा के डीजीपी वाई बी खुरानिया ने सुरक्षा इंतजामों को अंतिम रूप देने के बाद बताया कि पुरी में पहली बार एक एकीकृत कमान और नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है. उत्तरा चक और पुरी शहर के बीच और पुरी और कोणार्क के बीच मार्ग पर लगभग 275 एआई-सक्षम सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. इन कैमरों से चौबीसों घंटे निगरानी की जाएगी. उन्होंने आगे कहा कि एआई-संचालित निगरानी प्रणाली यातायात की गतिविधियों, भीड़ की बढ़ती संख्या पर नजर रखेगी और सुरक्षा कर्मियों को तुरंत निर्णय लेने और आपात स्थितियों का सामना करने में मदद करेगी. डीजीपी ने कहा कि प्रमुख स्थानों पर उप-नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किए गए हैं.
छतों पर एनएसजी तैनात
डीजीपी ने कहा कि खतरे के आंकलन के मद्देनजर पहली बार इमारतों की छतों पर एनएसजी (राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड) के स्नाइपर्स भी तैनात किए गए हैं, जबकि हवाई निगरानी के लिए ड्रोन रोधी तकनीक और पुलिस संचालित ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि तोड़फोड़ रोधी टीमें, बम निरोधक दस्ते और श्वान दस्ते भी तैनात किए गए हैं. उन्होंने कहा कि समुद्र के किनारे पूरी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ओडिशा की मरीन पुलिस, तटरक्षक बल और भारतीय नौसेना की तैनाती के साथ व्यवस्था की गई है. खुरानिया ने कहा कि पार्किंग की उपलब्धता, रूट मैप और खाली पार्किंग स्थलों के बारे में जानकारी देने के लिए एक रियल-टाइम चैटबॉट एप्लिकेशन भी लॉन्च किया गया है.
पहले और दूसरे दिन 15 लाख भक्तों के भाग लेने की उम्मीद
रथयात्रा 2025 के पहले और दूसरे दिन लगभग 15 लाख लोगों के आने की उम्मीद जताते हुए डीजीपी खुरानिया ने कहा कि श्रद्धालुओं की उचित सेवा और सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी. उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं. रथ यात्रा की ड्यूटी के लिए अनुभवी पुलिस अधिकारियों को तैनात किया गया है. खुफिया निदेशक आर पी कोचे ने कहा कि चूंकि श्री जगन्नाथ मंदिर उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र में स्थित है, इसलिए रथ यात्रा के दौरान इसका महत्व काफी बढ़ जाता है.
कोचे ने बताया कि इसके अलावा श्री गुंडिचा मंदिर और तीनों रथों के लिए विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई है. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (आधुनिकीकरण) सौमेंद्र प्रियदर्शी ने बताया कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए समुचित व्यवस्था की गई है. एडीजी (कानून व्यवस्था) संजय कुमार ने बताया कि रथ यात्रा को व्यवस्थित तरीके से संपन्न कराने के लिए पुलिस प्रशासन के अधिकारियों/कर्मचारियों का सहयोग जरूरी है.
वहीं, गुजरात में भगवान जगन्नाथ रथयात्रा को लेकर तैयारियां पूरी हैं. यहां आज शुक्रवार को 148वीं रथयात्रा का आयोजन हो रहा है. यहां सुरक्षा-व्यवस्था के लिए करीब 24 हजार सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है. ताजा जानकारी के मुताबिक सीएम भूपेंद्र पटेल ने सुबह-सुबह सोने की झाड़ू से सफाई की. वहीं, गृहमंत्री अमित शाह भी मंगला आरती में शामिल हुए.