एफएनएन, अमरोहा : पटाखा फैक्ट्री या यं कहे की मौत की पटाखा फैक्ट्री। सड़क से करीब एक किलोमीटर दूरी पर बीच जंगल में बनी पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट होते ही इमारत और टिनशेड पूरी तरह से मलबे में तब्दील हो गया। धमाका इतनी तेज था कि महिलाओं के शव इधर-उधर बिखर गए। कुछ महिलाओं की चीख-पुकार मलबे में दबकर रह गई। बचने का मौका तक न मिला। धमाके की तेज आवाज और उठते धुएं से आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और शवों को निकाला गया।
रजबपुर थाना क्षेत्र के गांव अतरासी से करीब 2 किलोमीटर दूर यह फैक्ट्री पिछले 2 साल से संचालित की जा रही थी।इस फैक्ट्री में सोमवार को करीब 25 महिला और पुरुष काम कर रहे थे। बताया जा रहा है कि इसी दौरान उठी चिंगारी से पटाखे और बारूद में आग लग गई।
फैक्ट्री में तेज धमाका हुआ। अंदर काम कर रहे लोगों को बाहर निकलने का मौका नहीं मिला। कई ब्लास्ट होने के बाद फैक्ट्री मलबे में तब्दील हो गई। तेज धमाके की आवाज और धंुआ उठता देख आसपास के ग्रामीण पहुंचे। मलबे में दबे मजदूरों को बाहर निकालने का प्रयास करने लगे। पुलिस व फायर ब्रिगेड की टीम भी पहुंच गई और ने राहत व बचाव कार्य शुरू किया। तब तक 4 महिलाओं की मौत हो गचुकी थी। 9 घायल मजदूरों को एंबुलेंस से अस्पताल में भर्ती कराया गया।
कम मजदूरी , नहीं दी गई ट्रेनिंग
फैक्ट्री संचालक ने पटाखे बनाने के लिए आसपास की रहने वाली महिलाओं को कम मजदूरी पर रखा था। उन्हें केवल 300 रुपये दिहाड़ी दी जाती थी। न तो मजदूरों को कभी ट्रेनिंग दिलाई और न ही कोई टेक्नीशियन की तैनाती थी।सीएफओ अनिल कुमार ने बताया कि पटाखा फैक्ट्री में पटाखे बनाने के लिए पहले ट्रेनिंग दी जाती है। उसके बाद ही पटाखे बनाए जाते हैं।
14 जून 2024 में भी हुई थी घटना
करीब एक साल पहले घटनास्थल से कुछ ही दूरी पर गांव सूदनपुर में स्थित पटाखा फैक्ट्री हुई घटना के बाद भी प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों ने सीख नहीं ली। क्षेत्र में स्थित पटाखा फैक्ट्री में न तो किसी ने निरीक्षण और न ही कभी मजूदरों के काम काज को देखा। नतीजा यह है कि सोमवार को गांव अतरासी में जंगलों के बीच बनी इस फैक्ट्री में तेज धमाका हो गया। जिसमें चार महिलाओं कीमौत हुई है और नौ लोग गंभीर रूप से घायल है। एक साल पहले 14 जून 2024 यह हादसा थाना रजबपुर क्षेत्र के ही गांव सूनदपुर में हुआ था। यहां स्थित पटाखा फैक्ट्री में अचानक आग लग गई।
गांव सूदनपुर में पटाखा फैक्ट्री को कामरान अहमद चलाता था। आग लगने से वहां के ही मोहल्ले निवासी भोला सहित गांव मंगूपुरा निवासी ममता व रीता तथा गांव देवीपुरा निवासी अनीता व मनीषा भी गंभीर रूप से झुलस गए थे। पांचों लोगों को झुलसी हालत में बमुश्किल फैक्ट्री से बाहर निकालते हुए आननफानन में उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। ममता व भोला को गंभीर हालत में दिल्ली हायर सेंटर रेफर किया था। भोला और मंगूपुरा निवासी ममता पत्नी विजेंद्र की उपचार के दौरान मौत हो गई थी।