एफएनएन ब्यूरो, बरेली। अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के
पदाधिकारियों ने वसंत पंचमी का पर्व कन्या पूजन के रूप में मनाया
। हनुमान मंदिर, बिहारीपुर खत्रियान
में कार्यक्रम में अलका त्रिवेदी और कांति शर्मा ने
कक्षा चार की छात्रा शिवांशी पचौरी को
पीले वस्त्र, मुकुट, सुनहरी एवं मो
तियों की माला पहनाकर सरस्वती के रूप में सजाया।
सबने मां सरस्वती के सजीव विग्रह की मिष्ठान, फल,
फूल, अक्षत, रोली, चंदन, धूप और नगद धनराशि भेंट क
र पूजा की।
कार्यक्रम का
शुभारंभ
ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष इंद्रदेव त्रिवेदी द्वारा प्रस्तुत गीत
“अंतर्मन से हम वसंत का, वंदन करते हैं आज शारदे मां का हम, अभिनंदन करते हैं”-से हुआ।
मुख्य प्रवाचक प्रमोद मिश्रा ने बताया कि वसंत पंचमी के दिन ही ब्रह्मा जी के कहने पर सरस्वती ने अपनी वीणा की ध्वनि से प्रकृति और प्राणियों को संगीत एवं वाणी की शक्ति प्रदान की। अनेक श्लोकों के माध्यम से उन्होंने समझाया कि वसंत पंचमी उल्लास-उमंग का उत्सव है जो हर मानव में विद्या और बुद्धि का संचार करता है।
कार्यक्रम का संचालन मंडल महामंत्री विशाल शर्मा ने किया। कार्यक्रम में दीपक शर्मा, लता, निशा, शौर्य पचौरी, अलका त्रिवेदी, शोभा, कलावती, रमा, कांति शर्मा, वंश, शुभ आदि की भी सक्रिय सहभागिता रही। अंत में सबको प्रसाद का वितरित किया गया। सभी का आभार राष्ट्रीय अध्यक्ष इंद्रदेव त्रिवेदी ने व्यक्त किया।
कार्यक्रम के संयोजक/मंडल सहमंत्री राकेश शर्मा ‘गुरु’ ने वसंत पंचमी को धनधान्य से पूर्ण करने वाला पर्व बताया। सरस्वती बनी शिवांशी पचौरी ने या कुन्देन्दु तुषार हार धवला या शुभ्र वस्त्रावृता… श्लोक सुनाया। आचार्य मेधावृत शास्त्री ने कहा कि वसंत पंचमी पर्व तभी सार्थक है, जब प्राणियों के अंतर्मन में रचनात्मक अनुभूतियों का रसमय संचरण होता रहे।
पूरे कार्यक्रम का सफल संचालन मंडल महामंत्री विशाल शर्मा ने किया। दीपक शर्मा, लता, निशा, शौर्य पचौरी, शोभा, कलावती, रमा, कांति शर्मा, वंश, शुभ समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे। अंत में सबको प्रसाद बांटा गया। राष्ट्रीय अध्यक्ष इंद्रदेव त्रिवेदी ने आभार व्यक्त किया।