
चुनावी वायदे पर अमल करते हुए सीएम. एन. चंद्रबाबू नायडू ने राज्य में लागू की नई शराब नीति, लाइसेंसिंग प्रक्रिया भी शुरू
एफएनएन ब्यूरो, अमरावती-आंध्र प्रदेश। मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की सरकार ने चुनावी वायदे को अमली जीमा पहनाते हुए आंध्र प्रदेश में नई शराब नीति लागू कर दी है। इस नई पॉलिसी के तहत निकट भविष्य में दक्षिण के इस राज्य में किसी भी ब्रांड की 180 एमएल की शराब की बोतल/पैकिंग ग्राहकों को सिर्फ 99 रुपये में मिलेगी।

बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान टीडीपी सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने आंध्र प्रदेश में तेलुगु देशम पार्टी की सरकार बनने पर वोटर्स को कम कीमत में अच्छी क्वालिटी की शराब उपलब्ध कराने का वायदा किया था।

चुनाव के समय किए अपने वायदे को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की सरकार ने शराब की दुकानों के लाइसेंस के लिए नई नीति तैयार की है। अब किस व्यक्ति को शराब की दुकान का लाइसेंस मिलेगा, इसका फैसला लॉटरी के जरिए होगा। लाइसेंस दो वर्ष की अवधि का होगा। शराब दुकानों को सरकारी से प्राइवेट बना दिया जाएगा। नई पॉलिसी के तहत शराब दुकानों के लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया पूरे राज्य में शुरू भी कर दी गई है।
आंध्र प्रदेश के एनटीआर जिले की डीएम डॉ. जी श्रीजना ने बताया कि 113 लिकर शॉप के लिए कुल 5,825 आवेदन आए हैं। आवेदनकर्ताओं के सामने ही लॉटरी सिस्टम के जरिए आवंटियों का चयन किया जाएगा। कुछ रिजर्व कैंडिडेट भी रखे जाएंगे ताकि अगर कोई चुना हुआ कैंडिडेट फॉर्मेलिटीज पूरी नहीं कर पाए तो रिजर्व कैंडिडेट को शराब बिक्री का ठेका दे दिया जाए।

नई शराब नीति के तहत आंध्र प्रदेश में लोग किसी भी ब्रांड की 180 एमएल शराब का पैक सिर्फ 99 रुपये में खरीद सकेंगे। शराब की क्वालिटी, क्वांटिटी और अफोर्डेबिलिटी को ध्यान में रखते हुए नई शराब नीति तैयार की गई है।
लाइसेंस लेने के लिए दो लाख रुपये का आवेदन शुल्क देना होगा और यह रकम रिफंडेबल नहीं है। आंध्र प्रदेश में लोग शराब सुबह 10 बजे से रात के 10 बजे तक खरीद सकेंगे।
लाइसेंस फीस के लिए चार स्लैब बनाए गए हैं। लाइसेंस फीस 50 लाख रुपये से लेकर 85 लाख रुपये तय की गई है। 10 फीसदी दुकानें ताड़ी बिक्री के लिए आरक्षित रहेंगी।
राज्य में 15 प्रीमियम वाइन शॉप खोलने का टारगेट भी तय किया गया है। इन सभी प्रीमियम दुकानों का लाइसेंस पांच साल अवधि का होगा। शराब दुकानें चलाने वालों को बतौर मुनाफा बिक्री की 20 फीसदी रकम मिलेगी।

