पहले दिन हावी रहीं अव्यवस्थाएं, नगर निगम नहीं कर पाया टीम को पानी की आपूर्ति
एफएनएन ब्यूरो, बरेली। महानगर में मेट्रो ट्रेन संचालन के वास्ते जमीन की मजबूती परखने जयपुर से एक्सपर्ट्स की टीम शहर में आ गई है। यह टीम 15 अक्तूबर तक शहर में दोनों प्रस्तावित मेट्रो कॉरिडोर की जमीन की जगह-जगह खुदाई करवाकर 30 मीटर गहराई तक की मिट्टी की गुणवत्ता और मजबूती परखेगी। दो चरणों में प्रस्तावित मेट्रो संचालन के लिए टीम कुल 18 बिंदुओं पर पड़ताल की जाएगी।
जयपुर की इस टीम की रिपोर्ट से ही यह साफ हो सकेगा कि मेट्रो ट्रेन के पिलर्स का भार झेलने में यहां की जमीन सक्षम है, या नहीं? बरेली महानगर में पहले चरण में 12 किमी और दूसरे चरण में 9.5 किमी रूट पर मेट्रो ट्रेनों के संचालन की योजना बनाई गई है।
शासन स्तर से बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) को मेट्रो की डीपीआर बनवाने से लेकर नक्शे और रूट के सर्वेक्षण तक की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। बीडीए ने रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस (राइट्स) को तकनीकी कार्य के लिए अधिकृत किया है। 25 सितंबर को बीडीए और राइट्स के अधिकारियों की बैठक में मेट्रो निर्माण की गाइडलाइन तय हुई थी। अब दोनों प्रस्तावित कॉरिडोर्स पर जमीन के सर्वेक्षण के लिए जयपुर से एक्सपर्ट्स की टीम यहां पहुंच गई है।

ये हैं दोनों प्रस्तावित कॉरिडोर
पहला चरण : 12 किमी
जंक्शन, चौकी चौराहा, गांधी उद्यान, सेटेलाइट बस अड्डा, बीसलपुर चौराहा, तुलसीनगर, विश्वविद्यालय, सौ फुटा, फीनिक्स मॉल, सन सिटी से बैरियर टू तक।
दूसरा चरण : 9.5 किमी
चौकी चौराहे से पटेल चौक, कुतुबखाना बाजार, कोहाड़ापीर, डीडीपुरम, डेलापीर सब्जी मंडी, आईवीआरआई, नार्थ सिटी एक्सटेंशन से बैरियर टू तक।
नगर निगम ने तीसरे पहर तक नहीं भेजे पानी के टैंकर
हालांकि गुरुवार को पहले दिन टीम को अव्यवस्थाओं से भी जूझना पड़ा। गहरी खुदाई के लिए टीम को मशीनों के साथ भारी मात्रा में पानी की जरूरत थी।वटीम ने सुबह ही नगर निगम से पानी की व्यवस्था कराने का आग्रह किया था। तीसरे पहर तीन बजे टीम के साथ आए अधिकारियों ने बताया कि सुबह से नगर निगम के पानी के टैंकरों का इंतजार कर रहे हैं। अभ तक टैंकर भेजे नहीं गए हैं।
इसी सप्ताह मिलेगी दूसरे चरण की डीपीआर
शहर में मेट्रो संचालन पर तीन से पांच हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इस भारी-भरकम बजट में जमीन अधिग्रहण से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट करवाना और मेट्रो ट्रेन सेवा का ऑपरेशन-मेंटीनेंस भी शामिल है। राइट्स कंपनी प्रथम चरण की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर बीडीए के अधिकारियों को पहले ही सौंप चुकी है। दूसरे चरण की डीपीआर भी इसी सप्ताह बीडीए के अधिकारियों को दे दी जाएगी।
राइट्स की ओर से एमआरटीएस (मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) के लिए एएआर (अल्टरनेटिव एनालिसिस रिपोर्ट) दिया जाना अभी बाकी है। इसमें सार्वजनिक परिवहन विकल्पों का विवरण, वैकल्पिक सार्वजनिक परिवहन साधनों के लिए गुणात्मक और लागत आधारित स्क्रीनिंग जैसे बिंदु शामिल होंगे। एमआरटीएस नेटवर्क का कार्य प्रगति पर है। बीडीए को सौंपी गई रिपोर्ट में यातायात अध्ययन, यात्रा मांग पूर्वानुमान, यात्रियों का अनुमान, सिस्टम चयन व कार्य कार्यक्रम के परिणाम शामिल हैं।
“अक्तूबर अंत तक साफ हो जाएगा, मेट्रो चलेगी या लाइट मेट्रो?
“जयपुर से आई एक्सपर्ट्स की टीम द्वारा मेट्रो कारिडोर के लिए जमीन की जांच शुरू करा दी गई है। दूसरी डीपीआर भी इस माह के अंत तक पूरी हो जाएगी। इस दूसरी डीपीआर में यह साफ हो जाएगा कि बरेली में मेट्रो चलेगी या लाइट मेट्रो।-मनिकंडन ए., बीडीए उपाध्यक्ष