एफएनएन, देहरादून/ टिहरी/ अल्मोड़ा/गैरसैंण: उत्तराखंड में बीते 24 घंटे में हुई भारी बारिश के चलते आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. प्रदेश की स्थिति जानने को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक्शन में हैं. सीएम धामी बादल फटने की घटना से हुई नुकसान का स्थानीय निरीक्षण करने पहुंचे. उन्होंने आपदा विभाग से अधिकारियों से प्रदेश की स्थितियों की जानकारी भी ली. इस दौरान सीएम धामी ने आपदा प्रभावितों से मुलाकात भी की.
टिहरी जिले की घनसाली विधानसभा के अंतर्गत जखन्याली के नौताड़ में बीती रात 31 जुलाई को पहाड़ी से भारी मलबा आ गया. जिसमें सड़क किनारे एक छोटे होटल को अपनी चपेट में ले लिया. होटल के अंदर रह रहे तीन लोग मलबे में दब गए. जिसमें दो लोग भानु और उसकी पत्नी नीलम का शव को बरामद किया गया. विपिन को घायल अवस्था में मलबे से निकलकर पिलखी अस्पताल ले जाया गया. जहां डॉक्टर ने घायल विपिन को हायर सेंटर के लिए रेफर किया. रास्तें विपिन की भी मौत हो गई. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तत्काल घटना का संज्ञान लिया. वे सुबह 10:30 बजे घनसाली के आपदाग्रस्त जखनयली नैताड़ पहुंचे. जहां उन्होंने मृतक के परिजनों से मुलाकात की.
जिलाधिकारी टिहरी मयूर दीक्षित व घनसाली विधायक शक्ति लाल शाह ने भी मौके पर मोर्चा संभाला. जिलाधिकारी टिहरी मयूर दिक्षित ने बताया राहत एवं बचाव कार्य रात से ही निरंतर जारी है. लोगों से प्राप्त जानकारी के अनुसार क 10 साल पूर्व भी यहां पर ऐसी ही घटना घटित हुई थी. जिसके स्थाई समाधान के उपाय किये जाएगें. ऋषिकेश से ब्रिज मंगाने के दिए निर्देश सम्बंधित विभाग को दे दिये हैं. पुल 5-6 दिनों में बनकर तैयार हो जाएगा. पैदल मार्ग पर त्वरित गति से कार्य गतिमान है. भूगर्भीय सर्वेक्षण टीम को सर्वे करने के दिए निर्देश दे दिये हैं. प्रभावितों के लिए उच्च प्राथमिक विद्यालय जखन्याली में भोजन व्यवस्था के लिए किचन तैयार कर लिया गया है.
आपदाग्रस्त इलाकों का दौरा करने के बाद सीएम धामी ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक के दौरान जिलाधिकारी हरिद्वार, टिहरी, देहरादून, चमोली, नैनीताल, अल्मोड़ा और उत्तरकाशी से बारिश की स्थिति, जानमाल के नुकसान, जलभराव की स्थिति, सड़कों, पुलों, पेयजल और विद्युत की उपलब्धता की जानकारी दी. सीएम ने सभी जिलाधिकारियों को अगले 24 घण्टे सभी अलर्ट मोड पर रहने को कहा. प्रदेश ने सभी जिलाधिकारियों को सीएम ने निर्देश दिये हैं कि भारी बारिश के चलते सड़के बाधित होने की दिशा में उनको सुचारू करने में कम से कम समय लिया जाए. पुल टूटने पर बैली ब्रिज बनाकर जल्द से जल्द आवागमन को सुचारू किया जाए.
बीती रात अल्मोड़ा में हुई अतिवृष्टि से जागेश्वर धाम की सड़कें मलबे और बोल्डर से पटी है. जिले की दो स्टेट हाइवे सहित 12 सड़के बंद हैं।.जिन्हें खोलने के लिए प्रशासन की और से जेसीबी लगाई गई है. जागेश्वर में ऋण मोक्ष्मी मंदिर के पास जमींदोज सड़क को फिर से ठीक करने का काम शुरू किया जा रहा है. वर्तमान में स्टेट हाइवे खैरना-रानीखेत-रामनगर मोटर मार्ग, स्टेट हाइवे बाड़ेछीना-सेराघाट राज्य मोटर मार्ग सहित आरतोला-जागेश्वर नैनी मोटर मार्ग, सौधार-पनुवाद्योखन ग्रामीण मोटर मार्ग, देघाट-चिन्तोली मोटर मार्ग, बसोली-पोखरी-नई ढोल मोटर मार्ग, ताकुला-थापला मोटर मार्ग, चक्करगांव-घुघूती मोटर मार्ग, गजार-कौराली मोटर मार्ग, बूचड़ी-पतकोटली मोटर मार्ग, टाटिक टोली मोटर मार्ग व धौलछीना-काचुला मोटर मार्ग मलबा और बोल्डर आने से बाधित है. आपदा प्रबंधन अधिकारी विनीत पाल ने बताया सभी सड़कों को जल्द खोलने के प्रयास शुरू कर दिया गया है.