एफएनएन, नई दिल्ली: आज-कल हमारे समाज में बच्चों में संस्कार का अभाव देखा जा रहा है। जिसके लेकर चाणक्य ने मानव हित के लिए कुछ जरुरी बातें बताई थीं। आज भी चाणक्य नीति की बातों पर बड़ी संख्या में लोग अमल करते हैं और चाणक्य नीति की बातों को अपने जीवन में उतारने की कोशिश करते हैं। चाणक्य के अनुसार संतान यानि बच्चों को मामले में कुछ बातों का सदैव ध्यान रखना चाहिए। चाणक्य का मानना है बच्चों की अच्छी परवरिश से ही राष्ट्र का भविष्य तय होता है। जानिए क्या है मुख्य बातें-
बच्चों को अच्छे संस्कार
बच्चों में अच्छे संस्कार देने का पहला कर्तव्य माता- पिता है। माता- पिता को बच्चों को सदैव अच्छी बातें बतानी चाहिए। बच्चों को महापुरूषों के बारे में बताना चाहिए और उनसे प्रेरणा लेने के लिए प्रेरित करना चाहिए। अच्छे संस्कार ही बच्चों को श्रेष्ठ नागरिक बनाते हैं।
अवगुणों से दूरी
बच्चों को सदैव अवगुणों से बचाकर रखना चाहिए। इसके लिए माता पिता को यदि किसी चीज का त्याग भी करना पड़े तो कर देना चाहिए। क्योंकि अवगुण बच्चों को गलत रास्ते पर ले जाते हैं। जिस कारण बच्चों का भविष्य प्रभावित होता है. माता पिता को चाहिए वे बच्चों को झूठ, चालकी और आलस से दूर रखें।
अनुशासन की भावना
माता पिता को बच्चों में अनुशासन की पैदा करनी चाहिए। अनुशासन से बच्चों में जीवन शैली में सुधार होता है और समय के महत्व को समझते हैं। जो समय के महत्व को समझता है वहीं जीवन में तरक्की करता है।