Saturday, June 21, 2025
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सिर मुंडवाकर कर रैगिंग का मामला, कोर्ट ने जवाब के लिए प्रिंसिपल को दिया आखिरी मौका

एफएनएन, हल्द्वानी : हाईकोर्ट ने राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी के 27 छात्रों की रैगिंग मामले में कॉलेज के प्राचार्य को अंतिम अवसर देते हुए 20 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। इससे पूर्व 23 मार्च को हाईकोर्ट ने कॉलेज के प्रिंसिपल से जवाब दाखिल करने के लिए कहा था। हाईकोर्ट ने प्रिंसिपल से पूछा था कि 18 मार्च को जिन अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया, वह किस आधार पर किया गया। कोर्ट ने एक सप्ताह के भीतर इस संबंध में शपथपत्र पेश करने का आदेश देते हुए 30 मार्च को सुनवाई की तिथि तय की थी लेकिन 30 मार्च को प्रिंसिपल ने कोई जवाब नहीं दिया।

कोर्ट ने समाचारपत्रों में छपी उस खबर का भी संज्ञान लिया, जिसमें कॉलेज प्रबंधन ने कहा कि रैगिंग करने वाले छात्रों पर जुर्माना लगाया गया है। अदालत ने सरकार से इस पर भी स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।

23 मार्च को हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को आदेश दिए थे कि कॉलेज के सभी परिसरों में सीसीटीवी कैमरे लगाएं और खराब कैमरों को ठीक कराएं। इस पर बुधवार को हुई सुनवाई में सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए कॉलेज परिसर में स्थापित सभी सीसीटीवी कैमरों को ठीक कराकर उनका संचालन करवा दिया है।

  • 27 छात्रों का सिर मुंडवाकर कर उनकी रैगिंग की गई

पूर्व में कोर्ट ने मामले की जांच के लिए कमिश्नर कुमाऊं व डीआईजी कुमाऊं की दो सदस्यीय कमेटी गठित कर दो सप्ताह के भीतर जांच कर दोषियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए थे। मामले के अनुसार हरिद्वार निवासी सच्चिदानंद डबराल ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि हल्द्वानी के राजकीय मेडिकल कॉलेज में 27 छात्रों का सिर मुंडवाकर कर उनकी रैगिंग की गई। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया था कि कॉलेज के वायरल वीडियो में 27 छात्र एक लाइन में हाथ पीछे की ओर किए हुए चल रहे हैं। उनके सिर मुंडे हुए हैं। एक गार्ड उनके पीछे तालिबानी तरीके से चल रहा है।

  • मामले को रैगिंग से जोड़कर देखा जा रहा

याचिका में कहा गया कि समाचारपत्रों में छपी खबर व वायरल वीडियो से पता चलता है कि सभी छात्र एमबीबीएस प्रथम वर्ष के हैं। प्रथम वर्ष के सभी स्टूडेंट्स को बाल कटवाने के निर्देश इनके सीनियर छात्रों ने दिए हैं। इस मामले को रैगिंग से जोड़कर देखा जा रहा है। वहीं, छात्रों के बाल कटने के मामले में कालेज की ओर से कहा जा रहा था कि डैंड्रफ और एलर्जी के कारण छात्रों ने सिर मुंडवाए हैं। इस बाबत कॉलेज प्रबंधन का कहना था कि उसके पास रैगिंग की कोई शिकायत नहीं है।

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