एफएनएन, बागेश्वर : इक्कीसवीं सदी। देश के सबसे बड़े लोकतंत्र के वासिंदे। देवभूमि उत्तराखंड के छोटा कश्मीर यानी पिथोरागढ़ ज़िले के तहसील बेरीनाग से मात्र पांच किमी की दूरी पर बसे दर्ज़नों गांवो में सड़क संपर्क शून्य है। कहा एक ओर लंबी चौड़ी डींगे, जुमले, बातें, आदर्शपन और वही दूसरी ओर रोड के लिए तरसते ये लोग। इसे दुर्भाग्य ही कहा सकते है। दस साल से भी अधिक स्वीकृत सुकयल्लाडी, खेती, मंतोली, गुरेना रोड सरकारी फ़ाइलों में अभी तक दम तोड़ रही है।
सैकड़ो प्रयासों के बाद भी एक दर्जन से भी अधिक गांवो को सड़क की सुविधा मय्यसर नही हो पायी है। गौरतलब है इन गांवों के लोगों ने कभी सरकारों, व्यस्थाओं का खुलकर विरोध नही किया। जहां तक हो सके सरकारों का साथ देकर, सरकारी योजनाओं को घर घर पहुचाने का काम कर सरकार की ही मदद की है। शायद आंदोलन, धरने प्रदर्शन ना कर व्यस्था के साथ बने रहने की सजा मिल रही है। लेकिन बीमारी की स्थिति में मरीज़ को डोली से बेरीनाग हस्पताल तक पहुचाना कठिन ही नही असंभव लगने लगा है। रोड के अभाव में आज गाँव से पलायन बड़ रहा है। डोली को कंधा देने वाले भी नही मिलते है। अल्मोड़ा धारचुला राष्ट्रीय राजमार्ग से मात्र दो किमी की हवाई दूरी जिस पर हर समय आवागमन चलता रहता है, इन लोगो को ये सुविधा लेने के लिए पांच से साथ किमी की दूरी तय करनी पड़ती है। लोग अब गुस्से में है। शांत रहने वाले इन लोगों को व्यवस्था व सरकारों ने आंख दिखाई है, जिससे इनकी तकलीफे बडी है। इस बार समय रहते अगर इन गांवों में खेती, मंतोली, गुरुसुटी,धारी, कालसिंधार, बादोली,गुरेना,मानू,काहकोट ,पभ्या इत्यादि जगह रोड नही पहुची तो आगामी चुनाव का बहिष्कार करने का लोगो ने मन बना लिया है। गांव के प्रधानों,सरपंचों, समाजिक कार्यकर्ताओ ,महिला मंगल दलो,नव युवक मंगल दल ने शासन, प्रशासन,विधायक, व अन्य प्रतिनिधियों को ज्ञापन देकर गाँवो में सड़क संपर्क स्थापित करने का आग्रह किया है। चरण उपाध्याय,सागर उपाध्याय,किशोर उपाध्याय, ईश्वर सिंह, पवन उपाध्याय, देवकी देवी, सरस्वती देवी, बहादुर राम, सौरभ उपाध्याय ,राजी उपाध्याय आदि लोगो ने नाराजगी व्यक्त करते हुए अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करने की बात की है। शिक्षक व सामाजिक सरोकारों से संबंध रखने वाले प्रेम प्रकाश उपाध्याय ने बताया कि कई बार इस विषय मे संबंधित विभाग से पत्राचार किया गया, लेकिन उदासीन रवैया ही देख गया। जिससे लोंगो में घोर निराशा है। उन्होंने सड़क संपर्क मार्ग की आवश्यकता को बहुत जरूरी बताया।