एफएनएन, नई दिल्ली: स्मार्टफोन को अब नयी रफ्तार मिलेगी, जिससे अनेक काम अब महज कुछ सेकेंड में हो जाएंगे। यह बदलाव होगा 5जी के जरिये और इससे संबंधित अनेक पहलुओं के बारे में हम आपको बता रहे हैं। भारत में अभी तक 5जी टेक्नोलॉजी तक नहीं आई है, भारत ने भी एक मजबूत 5जी सिस्टम विकसित करने के लिए अपने भागीदारों के साथ मिलकर काम करने की उम्मीद जतायी है, लेकिन स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनी कंपनियों ने अपने 5जी मॉडल्स लॉन्च कर दिए हैं।
आइए जानते हैं 4जी और 5जी की में क्या फर्क है, साथ ही 4जी के मुकाबले 5जी की स्पीड कितनी तेज होगी। अगर दुनिया में स्मार्टफोन यूजर्स की बात करें तो सितंबर 2019 तक के डेटा के हिसाब से चीन में 85.11 करोड़, भारत में 34.59 करोड़, यूएस 26.02 करोड़, ब्राजील में 9.68 करोड़, रूस में 9.53 करोड़ यूजर्स हैं। दुनिया में तकनीकों को एक अरब के आंकड़े तक पहुंचवे में कितने साल लगे ये देखा जा सकता है। इसमें ऑनलाइन बैंकिंग के लिए 41 साल, स्मार्टफोन के लिए 19 साल, इंटरनेट के लिए 16 साल, 3जी के लिए 12 साल, 4जी के लिए 12 साल और 5जी के लिए 3.4 साल।
दो सेकेंड में फिल्म होगी डाउनलोड
सामान्य हिंदी फिल्म करीब 1500 एमबी की होती है। 5जी के जरिये यूजर्स इसे महज दो सेकेंड में डाउनलोड करने में सक्षम हो पाएंगे, फिलहाल इसके लिए कम से कम 40 सेकेंड का समय लगता है।
क्या है 5जी नेटवर्क
सेलुलर टेक्नोलॉजी का नवीनतम प्रारूप है 5जी, जो वायरलेस नेटवर्क की स्पीड और रेस्पोन्सिवनेस यानी प्रभाव्यता को बहुत हद तक बढ़ाता है। 5जी के माध्यम से वायरलेस ब्रॉडबैंड कनेक्शन से डाटा ट्रांसमिट की स्पीड को 20 जीबीपीएस तक उच्च रूप से बढ़ाया जा सकता है। सेल साइटों से बने वायरलेस नेटवर्क उन क्षेत्रों में विभाजित होते हैं, जो रेडियो तरंगों के माध्यम से डेटा भेजते हैं। फोर्थ-जेनरेशन लॉन्ग टर्म इवोलुशन (एलटीई) वायरलेस टेक्नोलॉजी 5जी को नींव मुहैया कराती है।