Wednesday, June 25, 2025
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18 महीने…12 शिकार; उत्तराखंड के इस जिले में खौफ, घरों में कैद होने को लोग मजबूर, पढ़ें खबर

एफएनएन, ऊधम सिंह नगर :  तराई पूर्वी वन प्रभाग के सुरई रेंज से सटे पीलीभीत टाइगर रिजर्व (यूपी) और नंधौर वन्यजीव अभयारण्य (नैनीताल) के वन्यजीव कॉरिडोर में बाघों की आवाजाही बढ़ने से बाघों के हमलों का खतरा भी बढ़ गया है। सुरई वन क्षेत्र में 20 से अधिक बाघ होने की आशंका है। बीते डेढ़ साल में 12 लोग बाघ और तेंदुओं के हमलों का शिकार बन चुके हैं।

खटीमा क्षेत्र के किलपुरा, खटीमा और सुरई वन क्षेत्र को पीलीभीत टाइगर रिजर्व और नंधौर वन्यजीव अभयारण्य के वन्यजीव कॉरिडोर कहा जाता है। यानी इस कॉरिडोर से अन्य जंगली जानवरों के साथ बाघ भी आवाजाही करते हैं। उत्तराखंड में बाघों की संख्या 560 पहुंचने के साथ ही तराई पूर्वी वन प्रभाग में बाघों की संख्या बढ़ती जा रही है।

सुरई वन क्षेत्र के पीलीभीत टाइगर रिजर्व से नजदीक होने के कारण यहां बाघों की संख्या सबसे अधिक है। यही वजह है कि रात और तड़के बाघ वन क्षेत्रों से सटे गांवों के आसपास दिख रहे हैं। वन क्षेत्रों से सटे गावों नबदिया, रमकोला, बग्गा चौवन, सरपुड़ा, संतना, सुखापुल के ग्रामीणों का कहना है कि बाघों के हमले वर्ष 2020 के बाद अधिक बढ़े हैं जिस कारण शाम होने के बाद लोग जंगल के आसपास नहीं जाते हैं।

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बाघ को नरभक्षी मानने को तैयार नहीं विभाग

खटीमा के नबदिया निवासी नवीलाल और राजेंद्र कुमार ने बताया कि रमकोला और नबदिया गांव में पिछले डेढ़ साल पांच लोगों को बाघ मार चुका है। पूर्व जिला पंचायत सदस्य धरम सिंह दसौनी ने कहा कि सुरई वन क्षेत्रों में जिस तरह बाघों की संख्या बढ़ रही है, उसे देखते हुए वन विभाग और पुलिस प्रशासन को ग्रामीणों की सुरक्षा के इंतजाम करने चाहिए। इधर, एसडीओ संचिता वर्मा और रेंजर आरएस मनराल ने कहा कि रेंज में किसी भी बाघ के नरभक्षी होने के प्रमाण नहीं मिले हैं। बाघ के लार और बालों को डीएनए जांच के लिए आईवीआरआई बरेली और डब्लूआईआई देहरादून भेजा जा रहा है।

खुले में शौचमुक्त अभियान पर भी उठ रहे सवाल 

खटीमा में एक ओर देश को खुले में शौच मुक्त घोषित करने का अभियान चल रहा है, वहीं दूसरी तरह अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को शौच के लिए घर से बाहर जाना पड़ रहा है। मृतका सुभावती के पति विरजा प्रसाद ने बताया कि उनकी झोपड़ी के बाहर सरकार की ओर से शौचालय बनाया गया है, लेकिन उसके निर्माण में लापरवाही होने के कारण शौच में असुविधा होती है। जिसके चलते शौच के लिए जंगल जाते हैं।
रणदीप हुड्डा कर चुके हैं अपील: सुरई रेंज में घायल बाघिन की सुरक्षा के लिए अभिनेता रणदीप हुड्डा 28 दिसंबर 2023 को ट्वीट करके सीएम धामी और वन विभाग से अपील कर चुके हैं। घायल बाघिन की खोज के लिए पांच सदस्यीय कमेटी गठित की गई है।

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सुरई रेंज में कांबिंग से भी बाघों के आबादी में आने की आशंका
खटीमा के भारामल मंदिर के महंत हरिगिरि महाराज व उनके सेवादार रूप सिंह बिष्ट की पांच जनवरी की मध्यरात्रि हत्या के बाद वन विभाग और पुलिस की टीमें बदमाशों की तलाश में सुरई रेंज के जंगलों में कांबिंग कर रही है। लोगों का कहना है कि कांबिंग के चलते कुछ बाघों के आबादी क्षेत्र में आने की आशंका है।
जानवरों से खेतों की रखवाली करने वाली सुभावती अपनी रक्षा नहीं कर सकी 
खटीमा में बाघ के हमले में मृतक सुभावती के पांच बेटे और बेटियां हैं। इनमें हरिचरण, राहुल, संगीता, सीमा व सरस्वती सभी का विवाह हो चुका है। पति विरजा प्रसाद ने बताया कि वह अपनी पत्नी के साथ आसपास के किसानों के खेतों की जंगली जानवरों से रखवाली करते थे। लेकिन उनकी पत्नी जंगली जानवर से अपनी रक्षा नहीं कर सकीं। विरजा प्रसाद ने बताया कि वह मूलरूप से देवरिया, पूर्वी यूपी के रहने वाले है। उनका परिवार वर्ष 1960 में नबदिया गांव में बसा था। आज भी गांव में उनकी झोपड़ी है। उनके परिवार में अधिकतर लोग मजदूरी करते हैं। छोटा बेटा राहुल सिडकुल में नौकरी करता है।
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