Friday, October 18, 2024
spot_img
spot_img
03
20x12krishanhospitalrudrapur
previous arrow
next arrow
Shadow
Homeराज्यउत्तराखंडशिक्षा विभाग और शिक्षक आमने-सामने, वेतन रोकने के आदेश से आक्रोश

शिक्षा विभाग और शिक्षक आमने-सामने, वेतन रोकने के आदेश से आक्रोश

एफएनएन, देहरादून : लंबित मांगों के लिए आंदोलनरत शिक्षकों का वेतन रोकने और उनके खिलाफ कार्रवाई के आदेश से प्रदेशभर के शिक्षकों में आक्रोश है। उनका कहना है उनकी पदोन्नति और वरिष्ठता को विभाग उलझाए हुए है।

कहा, किसी भी शिक्षक का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। राजकीय शिक्षक संघ ने कहा, उत्पीड़न करने वाले अधिकारी पर मुकदमा कराया जाएगा। जरूरत पड़ी शिक्षक कार्यबहिष्कार भी करेंगे। उधर, शिक्षा महानिदेशक के आदेश के बाद शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी ने प्रभार छोड़ने वाले शिक्षकों के खिलाफ सभी सीईओ को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

इससे शिक्षा विभाग और शिक्षक आमने-सामने आ गए हैं। पदोन्नति और यात्रा अवकाश बहाल करने सहित 35 सूत्री मांगों के लिए प्रदेश के शिक्षक पिछले 53 दिनों से चरणबद्ध रूप से आंदोलनरत हैं। हालांकि, उनकी कुछ मांगों को विभाग मानने को तैयार है, लेकिन कुछ प्रमुख मांगों पर पेच फंसा हुआ है।

इन प्रमुख मांगों पर फंसा है पेच

2250 सहायक अध्यापक एलटी की प्रवक्ता के पदों पर पदोन्न्ति पिछले तीन साल से लटकी है।

प्रधानाचार्यों के शत-प्रतिशत पदों को पदोन्नति से भरा जाए।

यात्रा अवकाश बहाल किया जाए।

सभी शिक्षकों की पुरानी पेंशन बहाल की जाए।

सरकार का तर्क : इसलिए पूरी नहीं हो पा रही मांग

शिक्षक खुद पदोन्नति के मामले को लेकर कोर्ट गए हैं। कोर्ट केस वापस होंगे तो पदोन्नति होगी। यात्रा अवकाश पर आदेश कर दिए थे, वित्त विभाग ने रोका और रद्द कर दिया। पुरानी पेंशन का मामला नीतिगत है, यह विभागीय स्तर पर तय नहीं होना है।

ये हो सकता है बीच का रास्ता

शिक्षकों का कहना पदोन्नति का मसला हल हो सकता है, यदि सरकार कोर्ट के फैसले के अधीन शिक्षकों के प्रमोशन कर दे।

शिक्षक नहीं सरकार मामले को लेकर कोर्ट गई है। शिक्षकों का आरोप है कि सरकार ने मामले को उलझाया हुआ है।

प्रदेश मंत्रिमंडल चाहे तो शिक्षकों का यात्रा भत्ता बहाल किया जा सकता है। सरकार को इच्छाशक्ति दिखानी चाहिए।

प्रभार छोड़ने से ये पड़ेगा प्रभाव

प्रदेश के प्रभारी प्रधानाचार्य के प्रभार छोड़ने से विद्यालयों में व्यवस्था लड़खड़ा जाएगी। स्कूल से शिक्षा निदेशालय को जाने वाली विभिन्न सूचनाएं बंद हो जाएंगी। स्कूल में कोई प्रभारी नहीं होगा तो किसी भी काम के लिए जिम्मेदार कौन होगा। इससे बोर्ड परीक्षाएं भी प्रभावित हो सकती हैं। वहीं, पीटीआई की खेल महाकुंभ से डयूटी हटने से खेलों के आयोजन पर भी असर पड़ेगा।

इन मांगों पर बन सकती है बात

सहायक अध्यापक एलटी के अंतरमंडलीय तबादले, शिक्षकों को स्वत: सत्रांत लाभ देने और अटल उत्कृष्ट विद्यालयों की सीबीएसई से संबद्धता खत्म कर उन्हें उत्तराखंड बोर्ड में शामिल करने सहित कुछ अन्य मांगों पर बात बन सकती है।

संघ बोला, 90 फीसदी प्रभारी प्रधानाचार्य छोड़ चुके प्रभार

प्रदेश के आंदोलनरत शिक्षकों का प्रभारी प्रधानाचार्य का प्रभार छोड़ने का सिलसिला शनिवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश मीडिया प्रभारी प्रणय बहुगुणा के मुताबिक, अब तक 90 प्रतिशत प्रभारी प्रधानाचार्य प्रभार छोड़ चुके हैं, जो स्कूल की अन्य व्यवस्थाओं को देखने के बजाए अब केवल छात्र-छात्राओं को पढ़ाने का काम करेंगे। छात्रों को पढ़ाने के अलावा वे किसी अन्य व्यवस्था के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।

राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष राम सिंह चौहान बताते हैं कि विद्यालयों में शिक्षक पिछले छह साल से प्रभारी प्रधानाचार्य का प्रभार देख रहे थे। जिनका मूल काम प्रभार देखना नहीं, बल्कि शिक्षक के रूप में छात्र-छात्राओं को पढ़ाना है। विभाग ने खुद आदेश किया है कि शिक्षक गैर शैक्षणिक काम नहीं करेंगे। शिक्षक इसी आदेश का पालन कर रहे हैं। उनका मूल काम छात्र-छात्राओं को पढ़ाना है। वे किसी हड़ताल पर नहीं हैं। आंदोलन के दौरान जिन प्रभारी प्रधानाचार्य ने सहयोग नहीं दिया, उनकी सूची तैयार कर उन्हें संगठन से बाहर किया जाएगा।

शासन ने छह माह के लिए हड़ताल पर लगा रखी रोक

शासन ने सभी विभागों में कर्मचारियों की हड़ताल पर छह महीने के लिए रोक लगाई हुई है। 16 जून 2023 के एक आदेश के मुताबिक, यात्रा और मानसून में संभावित आपदाओं को देखते हुए छह माह की अवधि के लिए राज्याधीन सेवाओं में हड़ताल पर रोक है। सचिव कार्मिक शैलेश बगौली की ओर से यह आदेश जारी हुआ। वहीं, शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने कहा, बोर्ड परीक्षाओं के दौरान विरोध प्रदर्शन पर रोक के लिए शासन को एस्मा लगाने का प्रस्ताव भेजा गया है। अगले साल मार्च 2023 में बोर्ड परीक्षाएं होनी हैं। यदि किसी अधिकारी ने किसी शिक्षक का उत्पीड़न किया तो संबंधित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments