Monday, June 9, 2025
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नम आंखों से परिवार ने दी बलिदानी चंद्र मोहन सिंह को अंतिम विदाई, बेटे ने दी मुखाग्नि

एफएनएन, डोईवालाः भारत-चीन पर शहादत हुए डोईवाला के आईटीबीपी इंस्पेक्टर चंद्र मोहन सिंह नेगी का पार्थिव शरीर आज 27 जुलाई को निवास स्थान पर पहुंचा. इस दौरान सैकड़ों लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए उमड़ पड़े. इंस्पेक्टर चंद्र मोहन इन दिनों हिमाचल प्रदेश के रिकांग पियो में स्पीति घाटी लाहौल में भारत पोस्ट पर तैनात थे. मूल रूप से चंद्र मोहन तल्ली कांडई, पौड़ी गढ़वाल के रहने वाले हैं. जबकि पिछले 20 साल से डोईवाला रह रहे थे.

25 जुलाई को हिमाचल प्रदेश में भारत-चीन सीमा पर (LAC) करग्युपा नाले को पार करने के लिए अस्थायी पुल बनाते समय उत्तराखंड निवासी आईटीबीपी इंस्पेक्टर चंद्र मोहन सिंह नेगी पैर फिसलने से नाले में बह गए थे. आईटीबीपी के जवानों ने तुरंत चंद्र मोहन सिंह को रेस्क्यू किया और आर्मी अस्पताल लेकर गए. जहां इलाज के दौरान उनका निधन हो गया. शुक्रवार को जवान के निधन की सूचना उनके परिजनों को दी गई थी.

आज शनिवार को चंद्र मोहन सिंह नेगी का पार्थिव शरीर जौलीग्रांट एयरपोर्ट लाया गया, जहां से पार्थिव शरीर को उनके निवास स्थान डोईवाला के दुर्गा चौक लाया गया. जहां सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, विधायक बृजभूषण गैरोला और सैकड़ों लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस दौरान सैनिक कल्याण मंत्री ने कहा कि इस दुख की खड़ी में देश, उत्तराखंड सरकार उनके परिवार के साथ खड़ी है. जो भी सरकार की ओर से शहीदों के लिए घोषणा है, वह पूरी की जाएगी.

पूर्व ग्राम प्रधान नरेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि बलिदानी चंद्र मोहन सिंह 55 साल के थे. उनका एक बेटा 26 साल है जो दुबई में नौकरी करता है. जबकि बेटी 23 साल की है. उन्होंने बताया कि चंद्र मोहन सिंह का व्यक्तित्व बेहद मिलनसार था. उनका एक भाई देवेंद्र सिंह नेगी डोईवाला कोतवाली में हेड कॉन्स्टेबल है. आईटीबीपी इंस्पेक्टर चंद्र मोहन सिंह 24 सितंबर 1987 में भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल में कॉन्स्टेबल के पद पर भर्ती हुए थे.

ये भी पढ़ेंः- बेटी होने पर पति ने घर से निकाला, मांगे पांच लाख, फिर दिया तीन तलाक

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