भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को कम करने और संयम बरतने के लिए अमेरिका, चीन और संयुक्त राष्ट्र महासभा ने दोनों देशों से अपील की है।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि अमेरिका दक्षिण एशिया की स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है। चीन ने भी ऐसे कदम उठाने से बचने का आग्रह किया जो स्थिति को और जटिल बना सकते हैं। उसने दोनों पड़ोसियों से शांति और स्थिरता के व्यापक हित में कार्य करने का अनुरोध किया।
तनाव से चिंतित संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष फिलेमोन यांग ने भी संयम बरतने और तनाव को कम करने के लिए कदम उठाने की अपील की। समाचार एजेंसी रॉयटर के अनुसार, रुबियो ने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर से भी बात की और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ काम करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने पाकिस्तान से आतंकवादी संगठनों को समर्थन बंद करने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया।
‘रेडियो पाकिस्तान’ की रिपोर्ट के अनुसार, रुबियो ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को फोन किया और दक्षिण एशियाई क्षेत्र में उभरती स्थिति पर चर्चा की। रुबियो ने कहा कि अमेरिका दक्षिण एशिया की स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है क्योंकि वह क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने दक्षिण एशिया में मौजूदा सुरक्षा स्थिति पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चिंता की सराहना की। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि दोनों देशों को तनाव कम करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।
भारत-पाकिस्तान तनाव पर क्या बोला चीन?
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि बीजिंग वर्तमान घटनाक्रम को लेकर चिंतित है। उन्होंने कहा, ”हम दोनों पक्षों से शांति और स्थिरता के व्यापक हित में कार्य करने, अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करने, संयम बरतने और ऐसे कदम उठाने से बचने का आग्रह करते हैं, जो स्थिति को और जटिल बना सकते हैं। हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर वर्तमान तनाव को कम करने में रचनात्मक भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं।”
संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत वार्ता और कूटनीतिक समाधान की वकालत की ताकि स्थायी शांति स्थापित की जा सके।