- कानपुर में दलहन विज्ञानी के रूप में कार्यरत हैं, अंतरराष्ट्रीय शोधपत्र में छपा नाम
एफएनएन, चम्पावत। मूल रूप से पिथौरागढ़ निवासी और चम्पावत जिले के लोहाघाट व पाटी के स्कूलों में पढ़े डा. अभिषेक बोहरा ने विश्व में शोध की रैंकिंग में अपनी जगह बनाई है। अंतरराष्ट्रीय शोध पत्र प्लॉस बायोलॉजी के अक्टूबर में जारी सूची में उनका नाम प्रकाशित किया गया है। इस सूची को स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी कैलिफोर्निया अमेरिका के शोधकर्ताओं ने तैयार किया है, जिसमें विश्व के दो टॉपर शामिल हैं।
डा. अभिषेक बोहरा वर्तमान में भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान कानपुर में विज्ञानी के पद पर कार्यरत हैं। उन्हें वैज्ञानिक योगदान के लिए 2016 में भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के यंग साइंटिस्ट मेडल से भी नवाज जा चुका है। यह सम्मान 35 वर्ष से कम आयु के शोधकर्ताओं को विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है। डा. बोहरा ने गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल पाटी से 1998 में हाई स्कूल एवं वर्ष 2000 में गवर्नमेंट इंटरमीडिएट स्कूल लोहाघाट से इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की।
65 से अधिक शोधपत्र प्रकाशित हो चुके हैं
स्वामी विवेकानंद गवर्नमेंट पीजी कालेज से 2004 में बीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण की। उन्होंने एमएससी और पीएचडी की उपाधि क्रमश: गोविंद बल्लभ कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर जिला ऊधमसिंह नगर एवं उस्मानिया यूनिवर्सिटी हैदराबाद से प्राप्त की। बचपन से ही मेधावी रहे डा. बोहरा के अब तक 65 से अधिक राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं। उनकी इस उपलब्धि पर नवीन मुरारी, भास्कर मुरारी, रवीश पचौली, मोहन पाटनी आदि ने शुभकामनाएं दी हैं। स्थानीय लोगों ने कहा कि उत्तराखंड के गौरव ही नहीं, बल्कि डा. अभिषेक क्षेत्र के युवाओं के लिए भी प्रेरणास्रोत बने हुए हैं।