एफएनएन, देहरादून : शहरों में बिगड़ती यातायात व्यवस्था व जाम का सबसे बड़ा कारण बन चुके ई-रिक्शा पर लगाम लगाने की दिशा में सरकार ने पहला कदम उठा दिया है। गढ़वाल मंडल के पांच मैदानी शहर देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, रुड़की व विकासनगर में संभागीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) ने नए ई-रिक्शा के पंजीकरण पर रोक लगा दी है।
गढ़वाल मंडलायुक्त/आरटीए के अध्यक्ष विनय शंकर पांडेय की अध्यक्षता में हुई आरटीए की बैठक में शहरी व पर्वतीय क्षेत्रों में परिवहन सेवा बढ़ाने के लिए स्टेज कैरिज परमिट के तहत ओमनी, मिनी व बड़ी बसें चलाने की स्वीकृति दी गई। उत्तरकाशी में दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए विभिन्न मार्गों पर गति-सीमा भी निर्धारित कर दी गई है।
यह न केवल झुंड बनाकर चलते हैं, बल्कि नियमों को ताक पर रखकर राष्ट्रीय राजमार्गों पर भी संचालित हो रहे हैं। इस पर मंडलायुक्त ने ई-रिक्शा के नए पंजीकरण पर रोक लगा दी है।
साथ ही निर्णय लिया गया कि पुराने ई-रिक्शा के परमिट भी नवीनीकृत नहीं किए जाएंगे, बल्कि इनके स्थान पर सीएनजी और बैटरी चालित आटो का परमिट दिया जाएगा। सीएनसी या बैटरी आटो के परमिट घर-घर परिवहन सुविधा को ध्यान में रखकर दिए जाएंगे व इनके केंद्र भी निर्धारित किए जाएंगे, ताकि ये हर क्षेत्र में परिवहन न कर सकें।
आरटीए बैठक के महत्वपूर्ण निर्णय
- दून शहर में सुबह आठ से रात्रि आठ बजे तक मुख्य मार्गों पर ई-रिक्शा का संचालन प्रतिबंधित। एसएसपी व एसपी यातायात को सौंपी व्यवस्था का अनुपालन कराने की जिम्मेदारी।
- हरिद्वार जिले में विभिन्न केंद्रों से संचालित विक्रम-टैंपो का अलग-अलग रंग होगा निर्धारित। एक केंद्र का वाहन दूसरे केंद्र के क्षेत्र में नहीं होगा संचालित। देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश व रुड़की में जाम की समस्या दूर करने के लिए परिवहन विभाग व पुलिस को संयुक्त कार्य-योजना बनाने के आदेश।
- नियमों के उल्लंघन पर ई-रिक्शा पर अब चार गुना लगेगा जुर्माना। न्यूनतम 500 रुपये जुर्माने को किया गया दो हजार रुपये।
- टिहरी में दो और उत्तरकाशी में 15 नए मार्गों पर यात्री वाहन चलाने की स्वीकृति।
- दून, ऋषिकेश, विकासनगर, हरिद्वार व रुड़की में बिगड़ती यातायात व्यवस्था के दृष्टिगत लिया निर्णय
- दुर्घटनाओं को देखते हुए उत्तरकाशी में वाहनों की गति-सीमा तय, दून में मुख्य मार्गों पर ई-रिक्शा प्रतिबंधित
सभी यात्री वाहनों में जीपीएस आरटीए अध्यक्ष ने दून शहर में बस, टैक्सी, मैक्सी-कैब से लेकर विक्रम, आटो व ई-रिक्शा तक में जीपीएस लगाना अनिवार्य कर दिया है। आरटीओ को निर्देश दिए गए कि 30 अप्रैल तक का समय वाहन संचालकों को दिया जाए।
इसके साथ ही राज्य सरकार की इंफारमेशन टेक्नोलाजी डेवलपमेंट एजेंसी (आइडीटीए) से समन्वय बनाकर वाहनों की निगरानी के लिए कंट्रोल रूम बनाने के निर्देश भी दिए गए। जीपीएस लगने के बाद नियम तोड़ने वाले वाहनों का कंप्यूटर के माध्यम से आनलाइन चालान किया जाएगा।