एफएनएन, देहरादून: उत्तराखंड सरकार प्रवासी उत्तराखंड प्रकोष्ठ की पहल के तहत उत्तराखंड प्रवासियों की ओर से अपने गांव को गोद लेने की योजना संचालित कर रही है, ताकि प्रवासी उत्तराखंडवासी, राज्य सरकार के साथ मिलकर अपने गांव का विकास कर सकें. इसी क्रम में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने आज सचिवालय में गांव गोद लेने की योजना की समीक्षा की. इसी बीच चीन में रह रहे होटल व्यवसायी व अभिनेता देव रतूड़ी को टिहरी के भिलंगना ब्लॉक के सुनार और कैमरिया सौंण गांव को गोद लेने के लिए सहमति दी गई है.
देव रतूड़ी ने गोद लेने की जताई थी इच्छा
बता दें कि 5 मार्च 2024 को मुख्यमंत्री धामी ने 16 देशों में रह रहे प्रवासी उत्तराखंडवासियों के साथ वर्चुअल राज्य के विकास में प्रवासियों के योगदान पर चर्चा की थी. वर्चुअल मीटिंग के दौरान मुख्यमंत्री ने संपन्न उत्तराखंड प्रवासियों से दूरस्त क्षेत्रों के गांवों को गोद लेकर उनके विकास में योगदान देने को लेकर चर्चा की थी. जिस पर देव रतूड़ी ने शिक्षा से वंचित बच्चों की शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता और बेराजगार युवाओं को चीन में हॉस्पिटैलिटी से संबंधित रोजगार उपलब्ध कराने की इच्छा जाहिर की थी.
देव रतूड़ी के साथ मिलकर कार्य करेगा जिला प्रशासन
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने टिहरी जिले के जिलाधिकारी को कैमरिया सौंण और सुनारगांव को मॉडल गांव के रूप में विकसित करने के लिए बनाई गई कार्ययोजना पर देव रतूड़ी के साथ मिलकर कार्य करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही, उत्तराखंड प्रवासियों द्वारा गोद लिए जाने वाले गांवों में सरकारी योजनाओं और व्यक्तिगत प्रयासों के प्रभावी समन्वय पर विशेष जोर दिया गया है.
मॉडल ग्राम के रूप में विकसित होंगे कैमरिया सौंण और सुनारगांव
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन गांवों में निर्माण कार्यों के साथ-साथ आर्थिक विकास, मानव संसाधन विकास, प्रशिक्षण, होम स्टे, ऑगेनिक फार्मिंग, स्थानीय उत्पादों और मिलेट्स की खेती पर भी विशेष ध्यान दिया जाए. साथ ही टिहरी के कैमरिया सौंण और सुनारगांव को मॉडल ग्राम के रूप में विकसित करने के साथ ही इन गांवों को पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनाने की कार्ययोजना पर कार्य करने के निर्देश दिए. इसके लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त भी नियुक्त किया जायेगा.
सीएस ने इन गांवों में शत प्रतिशत सोलर पैनल कवरेज, होम स्टे विकसित करने और शत प्रतिशत साक्षरता अभियान चलाकर बुर्जगों को भी शिक्षित करने, गांव की खाली जमीन पर मंडुआ, झंगौरा जैसे स्थानीय मिलेट्स की खेती करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही गांवों की सामूहिक संवाद की परंपरा को प्रोत्साहित करने के लिए पंचायत घर में समय-समय पर सामूहिक भोज आयोजित करने और गांव में ही आजीविका के अवसर बनाकर पलायन रोकने के लिए कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं.
मॉडल गांवों के लिए बनाई गई टीम
सीएस राधा रतूड़ी ने टिहरी जिलाधिकारी को कैमरिया सौंण और सुनारगांव को मॉडल ग्राम के रूप में विकसित करने के लिए तत्काल एक टीम गठित कर इन दोनों गांवों में भेजने के निर्देश दिए. कैमरिया सौंण और सुनारगांव को मॉडल गांव बनाने की कार्ययोजना का क्रियान्वयन जल्द से जल्द पूरा करना है, जिससे सभी प्रवासी उत्तराखंडवासियों को अपने -अपने गांवों को गोद लेकर उनके विकास में योगदान की प्रेरणा मिल सके.