- विजिलेंस ने की सख्त कार्रवाई की सिफारिश
एफएनएन, लखनऊ : भ्रष्टाचार के आरोपो से घिरे आईपीएस अजय पाल शर्मा और हिमांशु कुमार पर विजिलेंस ने सख्त कार्रवाई की सिफारिश की है। विजिलेंस ने अपनी जांच में दोनों अधिकारियों पर लगे अधिकतर आरोपों को सही ठहराया है। माना जा रहा है कि विजिलेंस की रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जल्द कठोर निर्णय ले सकते हैं। पता लगा है कि विजिलेंस को जांच के दौरान अजय पाल और हिमांशु की कई बेनामी संपत्तियों के बारे में भी जानकारी मिली। हालांकि इस बारे में गृह विभाग और विजिलेंस के अफसर कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं। डीजी विजिलेंस पीवी रमापति शास्त्री ने कहा कि रिपोर्ट उन्होंने शासन को सौंप दी है। इधर, जिस फोरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर अजय पाल शर्मा को बेकुसूर बताया जा रहा है, वह रिपोर्ट भी अधूरी है। विजिलेंस की रिपोर्ट के मुताबिक, फोरेंसिक एक्सपर्ट ने अपने बयान में बताया है कि अजय पाल की आवाज का नमूना वैज्ञानिक तरीके से नहीं लिया गया था। इससे तय नहीं हो पाया कि ऑडियो क्लिप में आवाज अजय पाल की है या नहीं। फोरेंसिक एक्सपर्ट ने वैज्ञानिक तरीके से दोबारा नमूना लेकर उसकी जांच कराए जाने की बात कही है।
जानें, यह है पूरा मामला
नोएडा के एसएसपी रहते हुए वैभव कृष्ण ने पांच आईपीएस अधिकारियों अजय पाल शर्मा, सुधीर कुमार सिंह, राजीव नारायण मिश्रा, गणेश साहा और हिमांशु कुमार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे। शुरुआती जांच में सुधीर कुमार सिंह, राजीव नारायण और गणेश साहा के खिलाफ आरोप साबित नहीं हो सके थे। वहीं, अजय पाल और हिमांशु के खिलाफ पर्याप्त सुबूत पाए गए थे, जिसके आधार पर विजिलेंस जांच की सिफारिश की गई थी। अजय पाल अभी पुलिस प्रशिक्षण स्कूल उन्नाव और हिमांशु पीएसी इटावा में तैनात हैं।