ईरान और इजरायल के बीच बिगड़ते हालात पर भारत पैनी नजर बनाए है। दोनों देशों में रहने वाले भारतीयों की सुरक्षा को लेकर विदेश मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी कर दी है। ईरान और इजरायल में भारत के हजारों छात्र हैं, जो पिछले तीन दिनों के हालात देखकर दहशत हैं। भारत सरकार से वापसी की गुहार लगा रहे हैं।
विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि, “तेहरान में भारतीय दूतावास छात्रों के संपर्क में है। हालात पर नजर बनाए है। दूतावास के सहयोग से कुछ छात्रों को ईरान के अंदर ही सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है। दूसरे विकल्पों पर भी विचार चल रहा है।
विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के हवाले से रिपोर्ट्स में कहा गया है कि ईरान में करीब 1500 भारतीय छात्र हैं। इसके अलावा यहां 10 हजार से अधिक NRI हैं।
इसी तरह इजरायल में वर्ष 2023 से 2025 के बीच करीब 12 हजार स्टूडेंट्स पढ़ाई करने के लिए पहुंचे हैं। इजरायल में 10,500 के करीब भारतीय मूल के लोग हैं। इसमें 20 हजार NRI और 85 हजार भारतीय शामिल हैं।
इजरायल, जो अब तक बड़े हमलों से लगभग सुरक्षित रहा है। इस बार ईरानी मिसाइलों ने उसका सुरक्षा कवच तोड़कर भयंकर तबाही मचाई है। लोग बंकरों में पनाह लिए हैं। इसलिए इजरायल में रहने वाले भारतीय छात्र और उनके परिजन भी सुरक्षा को लेकर फिक्रमंद हैं। वे भी लगातार विदेश मंत्रालय से उनकी सुरक्षा की गुहार लगा रहे हैं।
ईरान में रहने वाले भारतीयों की बात करें तो वहां सबसे ज्यादा कश्मीरी छात्र हैं। तीन दिनों से जारी बमबारी के बीच ये छात्र बंकरों में छिपे हैं। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भारतीय छात्रों की सुरक्षा और वापसी के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर से बात की है।
मध्यपूर्व जो पहले से जंग में फंसा था। वहां इजरायल और ईरान के बीच जारी ताजा युद्ध ने हालात और बिगाड़ दिए हैं। तेहरान पर इजरायल के हमलों के बाद ईरान लगातार इजराइल पर सैकड़ों की संख्या में बैलेस्टिक मिसाइलें दाग रहा है। दूसरी तरफ इजरायल भी तेहरान समेत ईरान के दूसरे शहरों पर हमले कर रहा है। इससे हालात और बिगड़ते जा रहे हैं।