

गुरबख्श सिंह काका, नानकमत्ता: पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश हो रही है। इससे सब्जियों की आवक गिर गई है। बाजार की मांग की तुलना में आवक कम होने से कीमतों में उछाल आ गया है। भीषण गर्मी व बढ़ते तापमान के बीच भले ही मानसून की पहली बरसात में मौसमी राहत दी हो लेकिन सब्जियों के दाम आसमान छूने लगे हैं। एक तरफ जहां टमाटर लाल हुआ है तो वहीं प्याज ने भी आंसू निकालने शुरू कर दिए हैं। लगातार हो रही भारी बारिश ने सब्जी और फलों की फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है। जिसके बाद मार्केट में सब्जियों और फलों के दाम आसमान छू रहे हैं। वहीं लोगों की रसोई से रोजाना बनने वाली सब्जियां गायब हो गई हैं। मौसम के चलते ताजा सब्जियों की आवक भी कम होती जा रही हैं
सब्जियों के दाम में चार गुना तक वृद्धि हो गई है
आसमान छूने लगे सब्जियों के दाम आम आदमी की रसोई में महंगाई का तड़का लग गया है, क्योंकि सब्जियों के दाम आसमान छूने लगे हैं। एक तरफ जहां टमाटर लाल हुआ है तो वहीं प्याज ने भी आंसू निकालने शुरू कर दिए हैं। इतना ही नहीं महंगाई के दौर में सब्जी के साथ फ्री में मिलने वाले हरे धनिये के दाम भी कई गुना बढ़ गए हैं। जिससे अब सब्जी में इसकी सुगंध मिल पाना मुश्किल हो गया है
ताजा सब्जियों की आवक भी कम
इतना ही नहीं मौसम के चलते ताजा सब्जियों की आवक भी कम होती जा रही है। यदि बात करें प्रत्येक सब्जी की सुगंध बढ़ाने वाले धनिया की तो माहभर के अंदर भाव 50 रुपये प्रति किलो से सीधे 200 रुपये तक पहुंच गए हैं। इसी प्रकार सब्जियों का राजा कहे जाने वाला आलू भी 20 रुपये प्रतिकिलो से बढ़कर 50 रुपये किलो हो गया है।
इसके अलावा प्याज 25 से 40, टमाटर 30 से 100, अदरक 160 से 240, खीरा 20 से 50, हरी मिर्च 40 से 100, फूल गोभी 40 से 100, लहसुन 180 से 200, बीन की फली 60 से 120 व भिंडी 20 से 80 रुपये परमल 60 से100 करेला 30 से 80 रूपये शिमला मिर्च 50 से 120 प्रति किलो भिंडी 40 से 80 रूपेय केले की सब्जी 30 से 60 हो गई है। हालांकि इस बीच नीबू के दाम जरूर कम हुए हैं। जिसमें माहभर के आंकड़ों पर नजर डालें तो नीबू 160 रुपये प्रति किलो से घटकर 100 रुपये प्रति किलो हो गया है।
फुटकर बाजार में कुछ दिन पहले तक 40 से 50 रुपये तक बिकने वाला टमाटर अब 120 रुपये किलो पहुंच गया है। आलू भी 50 रुपये किलो बिक रहा है। अन्य सब्जियों के दामों में भी उछाल आने से महिलाओं की रसोई का बजट बिगड़ रहा है। थोक व्यापारी ने बताया कि बंगलूरू और महाराष्ट्र से टमाटर की आवक काफी कम हो रही है। इसकी वजह से टमाटर महंगा हो गया है। अन्य सब्जियों की आवक पर भी बारिश का असर पडा है। इस स्थिति में गरीब एवं मजदूर तो महंगाई में सब्जी खा नहीं सकता है सारी सब्जियां का सिस्टम बिगड़ गया है। गरीब आदमी ने सब्जी से दूरी बना ली है। मानसून के मेहरबान होने के साथ सारी सब्जियों के आसमान छू रहे हैं।इन दिनों बारिश के साथ पड़ने वालीं उमस भरी गर्मी सब्जियों पर मानें तो एक तरह से कहर बनकर टूट रहें हैं। सब्जियों के दाम बढने से आमजन की रसोई पूरी तरह से गड़बड़ा गई है।