Friday, June 20, 2025
03
20x12krishanhospitalrudrapur
previous arrow
next arrow
Shadow
Homeराज्यउत्तराखंडउत्तराखंड में ग्राम पंचायतों की संख्या में हो सकती है बढ़ोतरी, अप्रैल...

उत्तराखंड में ग्राम पंचायतों की संख्या में हो सकती है बढ़ोतरी, अप्रैल में शुरू होगा परिसीमन

एफएनएन, देहरादून:  हरिद्वार को छोड़ राज्य के शेष 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए भले ही समय हो, लेकिन इसके लिए पुनर्गठन, परिसीमन की प्रक्रिया अप्रैल से प्रारंभ हो जाएगी। पंचायती राज निदेशालय से मिले प्रस्ताव के बाद शासन ने इसके लिए कसरत शुरू कर दी है।

WhatsApp Image 2023-12-18 at 2.13.14 PM

माना जा रहा है कि इसमें ग्राम पंचायतों की संख्या बढ़ सकती है। वर्तमान में राज्य में 7797 ग्राम पंचायतें हैं। इसके अलावा क्षेत्र व जिला पंचायतों के निर्वाचन क्षेत्रों (वार्ड) के परिसीमन की प्रक्रिया 13 मई से प्रारंभ होगी। राज्य के 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत (ग्राम, क्षेत्र व जिला) चुनाव वर्ष 2019 में हुए थे। प्रथम बैठक के आधार पर ग्राम पंचायतों का पांच साल का कार्यकाल इस वर्ष 27 नवंबर को खत्म होगा।

WhatsAppImage2024-02-11at73136PM
WhatsAppImage2024-02-11at73136PM
previous arrow
next arrow
Shadow

एक दिसंबर को खत्म हो रहा है पंचायतों का कार्यकाल

क्षेत्र पंचायतों का 29 नवंबर और जिला पंचायतों का कार्यकाल एक दिसंबर को समाप्त होगा। इसे देखते हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए कसरत प्रारंभ कर दी गई है। हाल में ही पंचायती राज निदेशालय ने हरिद्वार को छोड़ शेष जिलों में पंचायत चुनाव के दृष्टिगत ग्राम पंचायतों के परिसीमन व पुनर्गठन और क्षेत्र व जिला पंचायतों के वार्ड क्षेत्रों के परिसीमन का प्रस्ताव शासन को भेजा। इस पर मंथन के बाद पंचायती राज सचिव ने सभी संबधित जिलाधिकारियों को दिशा-निर्देश के साथ ही समय सारिणी जारी की है।

पुनर्गठन व परिसीमन में रह गई थी विसंगतियां

असल में वर्ष 2018 में वर्ष 2011 की जनसंख्या के आधार पर पुनर्गठन व परिसीमन किया गया था, जिसमें कुछ विसंगतियां रह गई हैं। पर्वतीय व मैदानी क्षेत्र की कई ग्राम पंचायतों में जनसंख्या मानक से अधिक हो गई है। इसे देखते हुए इनके पुनर्गठन की मांग भी उठ रही है।

नए परिसीमन में बढ़ सकती है संख्या

अब नए परिसीमन में इनकी संख्या में वृद्धि हो सकती है। परिसीमन के बाद ग्राम पंचायतों में वार्डों का निर्धारण होगा। इसी प्रकार क्षेत्र व जिला पंचायत के निर्वाचन क्षेत्रों में कहीं-कहीं जनसंख्या अधिक होने के कारण इनका भी परिसीमन होना है।

यह भी पढ़ें- श्रीनगर गढ़वाल : छात्रसंघ चुनाव लड़ने के नियमों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, केंद्र और यूजीसी से मांगा जवाब

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments