एफएनएन, रुद्रपुर : लोगों को विदेश भेजने के नाम पर ठगी का जाल फैलाने वाले जिलेभर के आईलेट्स पुलिस के रडार पर आ सकते हैं। सूत्रों की मानें तो मेट्रोपोलिस सिटी में फर्जी डिग्री बनाने वाले गिरोह के कनेक्शन इन आईलेट्स से जुड़े हैं। पता लगा है कि विदेश भेजने के नाम पर यहां बड़ी संख्या में फर्जी डिग्रियां खपाई जाती थीं। फिलहाल गिरोह का भंडाफोड़ होने के बाद कुछ आईलेटस स्वामी तो भूमिगत भी हो गए हैं।
ऊधमसिंह नगर में बढ़ रही आपराधिक घटनाओं के मद्देनजर गुरुवार शाम पुलिस ने मेट्रोपोलिस सिटी में सघन सत्यापन अभियान चलाकर चेकिंग की। इस दौरान फर्जी डिग्री बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया गया। दो युवकों को गिरफ्तार किया गया, जबकि गैंग का सरगना फरार है। गिरोह मेघालय, राजस्थान, रांची और जयपुर की विभिन्न यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्री बनाता था। बनबसा, चंपावत निवासी युवक और विलियम कैरी यूनिवर्सिटी शिलांग मेघालय के 2 कर्मचारी भी इसमें शामिल होना पाए गए हैं।
इनके कब्जे से पुलिस ने 3 लैपटॉप, 3 प्रिंटर, 4 स्मार्टफोन, वाईफाई राउटर और अलग-अलग विश्वविद्यालय की तमाम मार्कशीट और सर्टिफिकेट बरामद किए हैं। पुलिस के अनुसार गिरोह 10 से ₹20000 फर्जी डिग्री बनाने का लेता था। गिरोह ने फर्जी वाले का सुनियोजित और पुख्ता प्लेटफार्म बना रखा था। प्राइवेट संस्थानों में जॉब पाने के लिए ही फर्जी डिग्री बनाता था। बाकायदा फर्जी डिग्री लेने वालों को साफ तौर पर ताकीद किया जाता था कि किसी भी सरकारी विभाग में नौकरी के लिए इसका प्रयोग न करें। वहीं विदेशों में जॉब पाने के लिए फर्जी डिग्री बनाने वालों से गिरोह लाखों रुपए लेता था।
गिरोह ने विलियम कैरी यूनिवर्सिटी शिलांग मेघालय के दो कर्मियों को भी अपने साथ जोड़ा था जो सत्यापन होने की सूरत में फर्जी डिग्री को सही डिग्री होना बता देते थे, ऐसे में फर्जी डिग्री पर विश्वविद्यालय के सत्यापन की मुहर भी लग जाती थी। अब पता लगा है कि जिलेभर के आईलेट्स भी इस गोरखधंधे में शामिल हैं। विदेश भेजने के नाम पर यह इन फर्जी डिग्रियों का इस्तेमाल करते थे और विदेश जाने वाले युवकों से ठगी की जाती थी। फिलहाल पुलिस ऐसे मामलों की जांच कर रही है। माना जा रहा है कि कई आईलेक्स वाली भी कार्रवाई की जद में आ सकते हैं। फ्रंट न्यूज़ नेटवर्क जल्द ऐसे आईलेट्स के नामों का खुलासा भी करेगा। क्रमश :