Thursday, February 20, 2025
03
20x12krishanhospitalrudrapur
previous arrow
next arrow
Shadow
Homeराज्यउत्तर प्रदेश'...सिर्फ खामोशियां कभी अच्छी नहीं होतींं!'

‘…सिर्फ खामोशियां कभी अच्छी नहीं होतींं!’

बरेली में लेखिका संघ की सरस काव्य गोष्ठी

एफएनएन ब्यूरो, बरेली। लेखिका संघ के तत्वाधान में पुराने बस अड्डे के पास सीमा सक्सेना के संयोजन में सरस काव्य गोष्ठी आयोजित  की गई। गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ लेखिका-कवयित्री निर्मला सिंह ने की। शुभारम्भ किरण कैंथवाल की वाणी वंदना से हुआ।

वरिष्ठ कवि शायर हिमांशु श्रोत्रिय निष्पक्ष ने कहा,,,,
बतायें क्या तुम्हें दिन में नज़ारे दिन में दिखेंगे। मोहब्बत के तुम्हें असरात सारे दिन में दीखेंगे। बने फिरते हो जिसकी चाह में मजनू अगर वो ही, गजाला बन गयी बीबी तो तारे दिन में दीखेंगे।
,वरिष्ठ गीतकार कमल सक्सेना ने प्रेम दिवस पर अपनी ग़ज़ल में प्रेम की पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि,,,,
” इक बेवफ़ा का ही सही हमें प्यार तो मिला। दर्दे ज़िगर को दो घड़ी करार तो मिला। सारे सुकूँ जला गयी किसी की दोस्ती, फिर भी हमें ये फ़ख्र है कोई यार तो मिला। “
राजेश गौड़ ने राजनेताओं पर व्यंग करते हुए कहा,,,
गाँव गली की धूल फांककर तुम सत्ता में आये हो। भूल न जाना इस मिट्टी को जिसके तुम उपजाये हो।
संस्था की अध्यक्ष दीप्ती पांडे नूतन ने कहा,,,,
मैने है सब कुछ छोड़ा। मेरी स्वतंत्रता में मत अटकाओ रोड़ा। सुन रजक समान निगोड़ा ।
संस्था सचिव किरण कैथवाल ने कहा,,,,मोहबतों के शहर में बदनाम फिरती हूँ। लेकर तेरा नाम सरेआम फिरती हूँ। “
संरक्षक निर्मला सिंह ने अपनी कविता पढ़ते हुए कहा कि,,, यूँ छोटी सी कंकरी समझ मत मारो मुझे, हो सकता है तुम्हारी ठोकर खाकर तुम्हारे माथे तक चढ़ जाऊं, तुम घायल हो जाओ,ज़रा देखकर चलो औऱ बचा लो मुझे। “
मीरा मोहन ने कहा कि,
माँ की ममता प्यार अपार, पिता सरीखा नहीँ आधार. दोनों जीवन के हैँ दीप. रौशन करते सुःख संसार। “,
उमा शर्मा ने पुलवामा घटना पर अपनी कविता इस लिए पढ़ी.।
सीमा सक्सेना असीम ने कहा,,,
कुछ कह लिया करो कुछ सुन लिया करो, सिर्फ खामोशियाँ कभी अच्छी नहीँ होतीं।
इंद्रदेव त्रिवेदी ने अपनी कविता इस तरह से पढ़ी,,,
“सुरों का राग वासंती, मनों का राग वासंती।
हुआ अनुभव ह्रदय से ये, दिलों का राग वासंती।। “
सुगंधित सी हवाओं ने, बुने रंगीन सपने हैं,
करें अठखेलियां बादल, घनों का राग वासंती।।
इसके अतिरिक्त मीना अग्रवाल, अविनाश अग्रवाल, अल्पना नारायण व चित्रा जौहरी ने भी काव्य पाठ किया।
अंत में सीमा सक्सेना असीम की पुस्तक सुनहरी यादें का विमोचन किया गया। काव्य गोष्ठी का संचालन इंद्रदेव त्रिवेदी ने किया।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments