- लखनऊ में आयोजित राज्य परामर्शित गन्ना मूल्य निर्धारण बैठक में यूपी के नम्बर वन गन्ना उत्पादक किसान का ख़िताब हासिल करने वाली राजेंद्ररी देवी के पुत्र वीरेंद्र शुक्ला ने बतौर प्रतिनिधि हिस्सा लिया। और आगामी सत्र में मूल्य बढ़ाने की बात रखी
एफएनएन, लखनऊ/लखीमपुर : उत्तर प्रदेश में इस साल का नंबर वन गन्ना उत्पादक का खिताब हासिल करने वाले राजेंद्री देवी के पुत्र शिक्षक वीरेंद्र शुक्ला ने गन्ना मूल्य निर्धारण करने के लिए बनी उप समिति के समक्ष किसानों की आवाज जोरदार तरीके से रखी। उन्होंने गन्ना आयुक्त की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में कहा कि इस साल कम से कम ₹50 प्रति कुंतल किसानों का गन्ना रेट जरूर बढ़ना चाहिए, अन्यथा किसान बेहद नुकसान में रहेगा। वहीं उत्तर प्रदेश शुगर मिल्स एसोसिएशन की तरफ से महासचिव ने तमाम तर्क सहित यूपी में गन्ने का वर्तमान मूल्य मूल्य ही रखने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि यह उत्तर प्रदेश शुगर मिल्स एसोसिएशन की तरफ से प्रस्ताव है इससे सरकार को माना जाना चाहिए। मंगलवार को गन्ना आयुक्त की अध्यक्षता में हुई बैठक में चीनी मिल प्रतिनिधियों, प्रगतिशील किसानों, गन्ना अधिकारी और समिति के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। लखीमपुर खीरी से इस बार नंबर वन गन्ना किसान का खिताब हासिल करने वाले वीरेंद्र शुक्ला मीटिंग में थे। उन्होंने किसानों के हक के लिए बात रखी।उत्तर प्रदेश शुगर मिल्स एसोसिएशन के महासचिव दीपक गुप्तरा ने बिजली खरीद के कम हुए रेट, डीजल की महंगाई, मजदूरी के रेट, समेत तमाम कारण गिनाए, मीटिंग में प्रस्ताव रखा कि शासन को इस बार चीनी मिलों की हालत को देखते हुए गन्ना रेट नहीं बढ़ाना चाहिए । वही खीरी के किसान वीरेंद्र शुक्ला ने पिछले 20 साल के गन्ना मूल्य और डीजल, श्रमिकों की मजदूरी, फ़र्टिलाइज़र पर महंगाई और खेती में आने वाले अतिरिक्त व्यय पर आई दोगुनी से ज्यादा महंगाई बताकर किसानों की तरफ से प्रस्ताव दिया कि इस बार कम से कम ₹50 रुपए गन्ना रेट शासन को बढ़ाना चाहिए। वीरेंद्र शुक्ला ने बताया कि मीटिंग में सभी के प्रस्ताव लिए गए हैं । गन्ना आयुक्त ने आश्वस्त किया कि सभी प्रस्ताव मुख्यमंत्री और और शासन को भेज दिए जाएंगे उसके बाद शासन आगामी सत्र में मूल्य निर्धारण का निर्णय लेगा।