Thursday, November 21, 2024
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370 वापसी के मुद्दे पर जे एंड के विधानसभा में धक्का-मुक्की-हाथापाई,  निष्कासित किए गए भाजपा विधायक

एफएनएन ब्यूरो, जम्मू। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में अनुच्छेद 370 की वापसी के प्रस्ताव पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों में गुरुवार को भिड़ंत हो गई। हालात ऐसे बने कि बीच-बचाव के लिए मार्शलों को आना पड़ा।

जम्मू कश्मीर विधानसभा में गुरुवार को अनुच्छेद 370 वापसी का प्रस्ताव पेश होने के बाद विधायक हाथापाई पर उतर आए। भारी हंगामे के बाद स्पीकर ने विधानसभा की कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित कर दी। इसके बाद भी भाजपा के विधायक वेल में आकर हंगामा करते रहे। स्पीकर के आदेश पर मार्शलों ने कुछ भाजपा विधायकों को विधानसभा से बाहर निकाला।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में बारामूला से लोकसभा सांसद इंजीनियर राशिद के भाई और लेंगेट से विधायक खुर्शीद अहमद शेख द्वारा अनुच्छेद 370 की वापसी के समर्थन में बैनर-पोस्टर दिखाए गए। विपक्ष के नेता सुनील शर्मा ने इस पर आपत्ति जताई। सदन में पोस्टर-बैनर दिखाने पर भाजपा के विधायक भड़क गए। उन्होंने शेख खुर्शीद के हाथ से पोस्टर को छीनकर फाड़ दिया। इस दौरान दोनों पक्षों में हाथापाई होने लगी और देर तक हंगामा चलता रहा।

हंगामा और हाथापाई के बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी लेकिन भाजपा सदस्यों ने अपना विरोध जारी रखा। मार्शलों ने सदन में हंगामा कर रहे कुछ विपक्षी विधायकों को सदन से बाहर निकाल दिया।

इससे पहले पीडीपी ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा में अनुच्छेद 370 और 35ए की बहाली की मांग को लेकर प्रस्ताव पेश किया। विपक्ष के नेता सुनील शर्मा ने कहा कि इन्होंने स्पेशल स्टेटस के तहत अपने-अपने महल बनाए और कब्रिस्तान खड़े किए। इस पर नेकां के नेता भड़क गए। भाजपा विधायकों ने भी नारेबाजी शुरू कर दी। जवाब में उधर एनसी विधायकों ने भी नारे लगाए।
हम अपनी आवाज उठाते रहेंगे: खुर्शीद अहमद शेख
इंजीनियर राशिद के भाई और अवामी इत्तेहाद पार्टी के विधायक खुर्शीद अहमद शेख (जिन्होंने आज जम्मू-कश्मीर विधानसभा में अनुच्छेद 370 पर एक बैनर प्रदर्शित किया) ने कहा, ‘यह पूरी तरह से कानूनी है। हम अनुच्छेद 370 पर एक प्रस्ताव लाना चाहते थे, लेकिन हमें मौका नहीं दिया गया। तो, हमारे पास और क्या विकल्प था? बैनर में अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 A के बारे में बात की गई थी, जिसकी हम निंदा करते हैं। लेकिन यह भाजपा को पसंद नहीं आया। भले ही वे हम पर हमला करना जारी रखें, हम अपनी आवाज उठाते रहेंगे।’

विधानसभा का अनुच्छेद 370 से कोई लेना-देना नहीं: रविंदर रैना
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रविंदर रैना ने कहा, ‘कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस की सरकार ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों और अलगाववादियों के एजेंडे को दोबारा जिंदा करने की कोशिश और साजिश की है। जम्मू-कश्मीर विधानसभा का अनुच्छेद 370 से कोई लेना-देना नहीं है। जिस तरह चोरी छिपे कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस की सरकार अनुच्छेद 370 के प्रस्ताव को विधानसभा में लाई है, वह गैरकानूनी और असंवैधानिक है। यह देश के साथ गद्दारी है। भाजपा इस एजेंडे को कभी लागू नहीं होने देगी।”

भारत माता को मजबूत करना चाहते हैं हम: उपमुख्यमंत्री
उधर, उप मुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी ने कहा, ‘हम वो लोग हैं जो भारत माता को मजबूत करना चाहते हैं। हमने लोगों के हितों, उद्योगों, पर्यटन, शिक्षा आदि के बारे में बात की है। लोग देख रहे हैं कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, फारुख अब्दुल्ला और सुरिंदर कुमार चौधरी जो कह रहे हैं वह उनके हित में है।’

कुछ नहीं मिलेगा, यह इतिहास बन चुका है: कविंदर गुप्ता
भाजपा नेता कविंदर गुप्ता ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा सत्र में हंगामे पर कहा, ‘नेशनल कॉन्फ्रेंस और कश्मीर की पार्टियां जम्मू-कश्मीर का माहौल खराब करना चाहती हैं। स्पीकर नेशनल कॉन्फ्रेंस के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं और उन्हीं के पक्षपातपूर्ण रवैए की वजह से माहौल खराब हुआ। आज जिस तरह इन्होंने भाजपा विधायकों को मार्शल द्वारा सदन से निकालकर गुंडागर्दी का परिचय दिया है, वह असहनीय है। सरकार ही चाहती है कि वहां माहौल बिगड़े। लेकिन न तो राज्य को कोई स्पेशल स्टेटस मिलेगा और न 370 वापस लौटेगा। यह अब इतिहास बन चुका है।’

बता दें कि इससे पहले कल बुधवार को विधानसभा में राज्य का विशेष दर्जा बहाल करने के प्रस्ताव को पारित कर दिया गया। उप मुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी की ओर से पेश किए गए प्रस्ताव के पारित होते ही सदन में हंगामा हो गया। भाजपा के विधायक सदन के वेल में उतर गए। प्रस्ताव का विरोध करते हुए उन्होंने इसकी प्रतियां फाड़कर हवा में उड़ा दीं। कई बार सदन की कार्यवाही बाधित होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।

प्रस्ताव में केंद्र से तत्कालीन राज्य के विशेष दर्जे की बहाली के लिए निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करने को कहा गया। भाजपा विधायकों ने प्रस्ताव का विरोध करते हुए मेज पर पड़े दस्तावेज फाड़ डाले। प्रस्ताव में विशेष दर्जे को एकतरफा हटाने पर चिंता भी व्यक्त की गई थी। हंगामे के बीच यह प्रस्ताव बिना किसी बहस के विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर ने ध्वनि मत से पारित कर दिया।

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