कारगिल विजय दिवस: किसी का बेटा छिना, किसी की मांग का उजडा सिंदूर। कोई भाई के लिए रोया तो किसी ने पिता का साया खोया। कुछ ऐसी है कारगिल युद्ध की तस्वीर। लेकिन देश भक्ति ने शहीदों को सदा के लिए अमर कर दिया। आज उनके बलिदान का दिन है। ऐसे ही अपने बलिदानी बेटे को नमन करती उसकी मां, लेकिन मां तो मां होती है, फफक पड़ी उसकी प्रतिमा से लिपटकर। यह तस्वीर है पिथौरागढ़ के शहीद कुंदन सिंह खड़ायत की मूर्ति से लिपटी उसकी ईजा की।