Friday, June 20, 2025
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Sabarmati Ex. Derail: चूक या साजिश! घटनास्थल से पांच किमी तक का मोबाइल डाटा डंप, CCTV फुटेज खंगालने उतरी एटीएस

 

एफएनएन, कानपुर-झांसी: रूट पर पनकी में साबरमती एक्सप्रेस के डिरेल होने की घटना की जांच एंटी टेररिस्ट स्क्वॉएड (एटीएस) ने भी तेज कर दी है। हादसे की तह तक पहुंचने के लिए घटनास्थल के पांच किलोमीटर के दायरे का मोबाइल डंप डाटा और सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगालने में जुट गई है।

एटीएस यह साफ करना चाहती है कि हादसे के पीछे रेलवे की चूक है या कोई साजिश। साथ ही देशभर में हुई घटनाओं में किसी एक ही पैटर्न का इस्तेमाल तो नहीं किया गया, यह भी देखा जाएगा। एटीएस ने घटनास्थल का जायजा लेने के बाद मौके से मिली पटरी और अन्य साक्ष्यों की जांच की।

टीम ने घटनास्थल के आसपास के गांवों में घूमकर लोगों से बातचीत कर यह जानने की कोशिश की कि रेल हादसे के दौरान किसी ने कुछ संदिग्ध देखा तो नहीं। स्थानीय पुलिस और रेलवे के कुछ लोगों से भी टीम ने बातचीत की है। सूत्रों के मुताबिक डंप डाटा और सीसीटीवी फुटेज खंगालने से जांच एजेंसी को घटना को समझने में मदद मिलेगी।

परिचालक व गार्ड से भी बात की जाएगी
साथ ही, किसी संदिग्ध गतिविधि को चिह्नित करने में भी आसानी होगी। एटीएस के एक अफसर ने बताया कि आला अफसरों के निर्देश पर जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है। मामले में रेल अधिकारियों, हादसे का शिकार हुई ट्रेन के चालक, परिचालक व गार्ड से भी बात की जाएगी। देश और प्रदेश में इस तरह के रेल हादसों के पीछे की वजह जांच में क्या आई है, इसे भी देखा जा रहा है।

एसएजी की टीम ने कई पहलुओं पर शुरू की जांच
साबरमती एक्सप्रेस के डिरेल होने के मामले में रेलवे के स्थानीय अधिकारियों के साथ ही अब सीनियर एडमिनिस्ट्रेटिव ग्रेड (एसएजी) अफसरों की पांच सदस्यीय कमेटी ने भी तहकीकात शुरू कर दी है। टीम में शामिल अधिकारी मंगलवार को मौका मुआयना कर सकते हैं।

बोल्डर से 120 टन वजनी ट्रेन का कैटल गार्ड भी टूटा
प्रारंभिक जांच में पूरा जोर पटरी के टुकड़े और ट्रैक के संपर्क पर है। समझने का प्रयास किया जाएगा कि आखिर पटरी किस तरह से रखी थी, जो ट्रेन का कैटल गार्ड तक टूट गया। एसएजी के चेयरमैन प्रिंसिपल चीफ सेफ्टी ऑफिसर हैं।

अपने-अपने विभागों से रिपोर्ट लेकर किया जाएगा अध्ययन
वहीं, टीम में इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, सिविल के वरिष्ठ अधिकारी और आरपीएफ के डीआईजी को शामिल किया गया है। यह टीम विभिन्न पहलुओं को परखने के बाद किसी निष्कर्ष पर पहुंचेगी। वहीं, एसएजी के सदस्यों ने रविवार और सोमवार को अपने-अपने विभागों से रिपोर्ट लेकर उसका अध्ययन किया।

जांच कर रही टीमें तलाश रहीं इन सवालों के जवाब
  • आखिर पटरी का टुकड़ा ट्रैक तक कैसे पहुंचा?
  • टुकड़े को क्या ट्रैक पर क्लैंप से बांधा गया था?
  •  करीब 120 टन वजनी इंजन के दोनों कैटल गार्ड कैसे टूटे गए?
  • ये थी पूरी घटना
    वाराणसी से अहमदाबाद जा रही साबरमती एक्सप्रेस (19168) शुक्रवार देर रात करीब 2:30 बजे बोल्डर से टकराकर पटरी से उतर गई। यह घटना गोविंदपुरी और भीमसेन स्टेशन के बीच पनकी क्षेत्र में हुई। राहत की बात यह रही कि सभी 22 बोगियों के डिरेल होने के बाद भी कोई हताहत नहीं हुआ। कुछ यात्रियों को मामूली चोट आई है। वहीं हादसे की वजह से करीब पांच घंटे तक ट्रैक बाधित रहा
  • साजिश की आशंका, जांच शुरू
    इसके बाद धीमी गति से ट्रेनों को डाउन लाइन से गुजारा गया। इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी), आरपीएफ और रेलवे की एसएजी (सीनियर एडमिनिस्ट्रेटिव ग्रेड) टीम ने जांच शुरू कर दी है। घटनास्थल पर पटरी का एक हिस्सा भी मिला है, जिससे किसी साजिश से इन्कार नहीं किया जा सकता है। साबरमती एक्सप्रेस सेंट्रल स्टेशन से रवाना हुई। यह गोविंदपुरी स्टेशन से होते भीमसेन स्टेशन की ओर जा रही थी।
  • कोई वस्तु टकराने और रगड़ने की तेज आवाज हुई
    पनकी क्षेत्र में ट्रेन लगभग 90 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रही थी। रात के करीब ढाई बजे अचानक लोको पायलट को ट्रेन के इंजन से कोई वस्तु टकराने और रगड़ने की तेज आवाज हुई। इंजन और बोगियां लहराईं, जिस पर उन्होंने इमरजेंसी ब्रेक लगा दी। ट्रेन पहले ही पटरी से उतर गई थी। ब्रेक लगाने से करीब 450 मीटर की दूरी पर जाकर रुकी। अचानक ब्रेक लगते ही एलएचबी कोच में तेज झटका लगा और ऊपर और साइड बर्थ में सो रहे यात्री नीचे गिर गए।
  • सीआईटी और चेकिंग दल ने कंट्रोल को दी सूचना
    बच्चों और महिलाओं में चीख पुकार मच गई। ट्रेन की पटरियों के गट्टियों और ट्रैक से रगड़ने की वजह से धूल का गुब्बार भी उठा, जिस पर जनरल कोच के कुछ यात्री आग लगने की आशंका पर कूद गए। ट्रेन के सीआईटी और चेकिंग दल ने कंट्रोल को हादसे का मैसेज किया, जिसके कुछ ही मिनट बाद पनकी थाने, आरपीएफ जीएमसी, आरपीएफ पनकी, जूही पोस्ट, जीआरपी स्टाफ मौके पर पहुंच गया। फायरब्रिगेड के अधिकारी भी आ गए।
  • मौके पर मिले पटरी के टुकड़े की जांच शुरू
    ट्रैक को सही करने का काम शुरू कर दिया गया है। सुबह करीब पौने नौ बजे प्रयागराज मंडल के जीएम उपेंद्र चंद्र जोशी और अन्य अधिकारियों ने मौके का निरीक्षण किया। करीब पांच घंटे बाद डाउन ट्रैक से ट्रेनों का आवागमन शुरू हुआ। पुष्पक, गरीब रथ, बरौनी समेत अन्य ट्रनों को कॉशन देकर गुजारा गया। पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार, ज्वाइंट सीपी हरिश चंदर, रेलवे के डीआईजी और अन्य अधिकारियों ने मौके से मिले पटरी के टुकड़े की जांच की।
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