एफएनएन, दिल्ली : देश में कोरोना टीकाकरण शुरू होने के बाद कहा जा रहा है कि नेता अब तक टीका क्यों नहीं ले रहे हैं? जबकि वे जनता के प्रतिनिधि हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने तीन माह पहले कहा था कि टीका आने के बाद सबसे पहले वह इसका डोज लेंगे लेकिन 16 जनवरी को दिल्ली एम्स में उन्होंने टीका नहीं लगाया। पता चला कि प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री और सांसद तक दूसरे चरण में कोरोना टीके का डोज ले सकते हैं। अभी कोरोना टीकाकरण का पहला चरण चल रहा है जो कि आगामी अप्रैल तक समाप्त होगा। अप्रैल तक पहला चरण होगा पूरा, तब तक और भी टीका आएंगे सामने
दूसरे चरण में देश के उन 75 फीसदी सांसद, मुख्यमंत्री और मंत्रियों को टीका दिया जाएगा जिनकी आयु 50 या उससे अधिक है। इनमें से जिन जन प्रतिनिधियों में जीवनशैली से जुड़े रोग उच्च रक्तचाप या फिर मधुमेह इत्यादि रोग अनियंत्रित स्थिति में होंगे उन्हें सबसे पहले प्राथमिकता दी जाएगी। पीआरएस विधायी अनुसंधान के अनुसार, लोकसभा में 343 और राज्य सभा में 200 सांसद की आयु 50 या उससे अधिक है। ठीक इसी तरह मोदी सरकार की कैबिनेट में 95 फीसदी मंत्री टीकाकरण में शामिल हो सकते हैं। टीकाकरण का दूसरा चरण शुरू होते ही लोकसभा से लेकर विधानसभा क्षेत्र तक में विशेष अभियान संचालित किए जा सकते हैं जिनकी जिम्मेदारी संबंधित क्षेत्र के मुख्य प्रतिनिधि पर होगी। जानकारी यह भी है कि सांसद और विधायक अपने अपने कार्यक्षेत्र में जनता के बीच पहुंचकर टीकाकरण में शामिल हो सकते हैं।