
एफएनएन, देहरादून : पिंडारी ग्लेशियर से निकलने वाली पिंडर नदी बागेश्वर और अल्मोड़ा जिले की सूखती नदियों को सदानीरा बनाने में मदद करेंगी। इससे सात बड़े शहरों की आबादी के अलावा करीब एक हजार गांवों को भी फायदा होगा। नदियों को बचाने के साथ-साथ यह योजना पेयजल, सिंचाई, विद्युत उत्पादन, क्षेत्र में हरियाली बढ़ाने में भी मददगार साबित होगी। गावों से हो रहे पलायन को रोकने में भी मदद मिलेगी।
भोपाल में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई मध्य क्षेत्रीय परिषद की 23वीं बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस योजना का जिक्र किया था। ताकि योजना को आगे बढ़ाने में केंद्र की मदद ली जा सके। इस योजना में ढाई से तीन सौ करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है।
- यह है योजना
योजना के तहत पिंडर नदी व उसकी सहायक नदियों सुंदरढूंगा गाड़ और शंभू गाढ़ (समुद्रतल से 22 सौ मीटर ऊंचाई पर स्थित) से करीब 150 किमी की डेढ़ मीटर व्यास की पाइप लाइन बिछाकर कुमाऊं के मल्ला पंया गांव के निकट (समुद्रतल से ऊंचाई 18 सौ मीटर) तक पानी पहुंचाने की है। इन नदियों से लगभग 42 क्यूमेक्स (क्यूबिक मीटर प्रति सेकेंड) पानी गंगा की सहायक अलकनंदा नदी में जाता है। इसमें से पाइप लाइन के जरिये डेढ से दो क्यूमेक्स पानी कुमाऊं की तरफ मोड़ दिया जाएगा।
- शासन करा चुका सर्वे