


- सुर्खाब समेत दो हजार से ज्यादा खूबसूरत परिंदे रामसर साइट आसन वेटलैंड मे डाले हैं डेरा
एफएनएन, विकासनगर(देहरादून)। देश के पहले कंजर्वेशन रिजर्व और उत्तराखंड के पहले रामसर साइट आसन वेटलैंड में प्रवासी परिदों की संख्या में बढ़ोत्तरी से चहचहाहट भी बढ़ गई है। ठंड बढ़ने के साथ ही देशी-विदेशी परिंदों की प्रजातियों की संख्या में काफी इजाफा हो रहा है। आसन वेटलैंड में प्रवासी परिंदों की संख्या दो हजार के करीब आंकी गई है। सबसे ज्यादा संख्या खूबसूरत सुर्खाब यानि रुडी शेलडक की है।
आसन झील में परिंदों की चह-चह पक्षी प्रेमियों को काफी भा रही है। आसन में मड टापू पर सूर्य की रोशनी में सोने से दमकते पंखों के कारण विदेशी रुडी शेडलक (सुर्खाब) सभी को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। चकराता वन प्रभाग ने आसन वेटलैंड के अलावा यमुना के किनारे पर भी निगरानी बढ़ा दी है, जिससे शिकारी आप्रवासी परिंदों का शिकार न कर सकें।
14 प्रजातियों के मनमोहक परिंदे देखने हैं तो आइए यहां
आसन वेटलैंड क्षेत्र में ठंड बढ़ने के साथ ही प्रवास पर आने वाले देशी विदेशी प्रजातियों के परिंदे भी बढ़ रहे हैं। इनमें इंडियन पांड हेरोन, पर्पल हेरोन, ब्लैक विंग्ड सिल्ट, कामन कूट, कामन पोचार्ड, टफ्टेड, रुडी शेलडक, हार्नबिल, रेड क्रसटेड, मलार्ड, गैडवाल, ग्रे हेरोन, लिटिल ग्रेब, स्पाट बिलडक, किगफिशर, इंडियन कोरमोरेंट, ग्रेट कोरमोरेंट आदि प्रजातियों के परिंदे प्रवास पर आते हैं। वर्तमान में 14 प्रजातियों के परिंदों में सबसे अधिक संख्या सुर्खाब की है। आसन नमभूमि क्षेत्र में परिंदों का कलरव बढ़ने से पक्षी प्रेमी भी उत्साहित हैं।
वन विभाग ने नहीं रखे ‘नेचर गाइड’, पक्षी प्रेमी परेशान
आसन पर्यटन स्थल पर आने वाले पर्यटकों में प्रवासी परिंदों के बारे में जानने की जिज्ञासा शांत करने को प्रभाग ने अभी तक नेचर गाइड नहीं रखे हैं और न ही वन विभाग का कोई विशेषज्ञ कर्मचारी ही तैनात है। इससे पक्षी प्रेमियों को प्रवासी परिंदों की जानकारी नहीं मिल पा रही है। ऐसे में बहुत से पर्यटक बिना जिज्ञासा शांत किए ही वापस लौटने को मजबूर हैं।