एफएनएन, देहरादून, : सूबे में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने अब अंतर्राज्यीय बस सेवा शुरू करने का भी मन बना लिया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मिली मंजूरी के बाद रोडवेज ने बसों के मार्ग तैयार करना शुरू कर दिया है। पहले चरण में सौ-सौ बसों के संचालन की अनुमति के बाद रोडवेज ने कौशांबी तक गढ़वाल मंडल से 55, जबकि कुमाऊं से 45 बसें चलाने का प्रस्ताव बना लिया है। इसमें अकेले देहरादून से 22 बसें चलेंगी। रोडवेज अधिकारियों ने बताया कि अभी सभी बसें गाजियाबाद के कौशांबी के लिए चलेंगी। दिल्ली सरकार से मंजूरी मिल जाने पर बसों को दिल्ली आइएसबीटी तक भेजा जाएगा।
दिल्ली बार्डर कौशांबी तक 100 बसों का संचालन
22 मार्च से बंद अंतरराज्यीय परिवहन अब शुरू होने जा रही है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा-चंडीगढ़, राजस्थान और पंजाब के साथ 100-100 बसें चलाने की शुक्रवार देर रात मंजूरी दे दी थी। परिवहन विभाग इसकी एसओपी तैयार कर रहा है, जिसमें यात्रियों के पंजीकरण और चेकिंग की स्थिति स्पष्ट की जानी है। उम्मीद है कि मंगलवार से बसों का संचालन शुरू हो जाएगा। ऐसे में रोडवेज भी तैयारी में जुट गया है। अभी दिल्ली के भीतर तो बसें नहीं जा सकती हैं लेकिन रोडवेज दिल्ली बार्डर कौशांबी तक 100 बसों का संचालन करेगा। सभी बसें उत्तर प्रदेश होते हुए जाएंगी। ऐसे में उत्तर प्रदेश भी अपनी 100 बसों को उत्तराखंड से कौशांबी तक संचालित कर पाएगा। दिल्ली रूट के साथ ही उत्तराखंड की बसें आगरा, बरेली, सहारनपुर, लखनऊ, कानपुर, मेरठ आदि भी जाएंगी। रोडवेज अन्य राज्यों को लेकर भी रूट निर्धारित कर रहा है।
कुमाऊं से बसों का संचालन
- हल्द्वानी-दिल्ली, नौ बसें
- नैनीताल-दिल्ली, तीन बसें
- टनकपुर-दिल्ली, पांच बसें
- लोहाघाट-दिल्ली, दो बसें
- रुदपुर-दिल्ली, चार बसें
- रामनगर-दिल्ली, तीन बसें
अल्मोड़ा-दिल्ली, सुरईखेत-दिल्ली, देघाट-दिल्ली, जौरासी-दिल्ली, सराईखेत-दिल्ली, बैजरो-दिल्ली, गंगोलीघाट-दिल्ली, धारचूला-दिल्ली, झूलाघाट-दिल्ली, पिथौरागढ़-दिल्ली, गनाई-दिल्ली, अटपेशिया-बागेश्वर-दिल्ली, रानीखेत-दिल्ली, कौसानी-दिल्ली, धरमघर-दिल्ली, बांसबगड़-दिल्ली, देवाल-दिल्ली, शक्तिफार्म-दिल्ली, बाजपुर-दिल्ली से एक-एक बस ही संचालित होंगी।