एफएनएन, नई दिल्लीः भारत और नेपाल के बीच बढ़ते तनाव के बीच वार-पलटवार का सिलसिला लगातार जारी है। विवाद के बीच नेपाल सरकार ने कहा है कि वह मध्य अगस्त तक विवादित नक्शे को भारत, संयुक्त राष्ट्र संघ व अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भेजेगी। लेकिन नेपाल की यह चाल कमायाब होती नजर नहीं आ रही है। संशोधित नक्शे में नेपाल ने भारतीय क्षेत्र लिंप्युधारा, लिपुलेख और कालापानी पर अपना दावा किया है। लेकिन नेपाल का यह मंसूबा कामयाब नहीं होगा। क्योंकि यूएन की ओर से जारी होने वाले नक्शों में एक डिस्क्लेमर भी होता है। इस डिस्क्लेमर में साफ लिखा होता है कि इस नक्शे में उपयोग किए गए पदनाम, सीमाओं और नामों को संयुक्त राष्ट्र आधिकारिक तौर पर समर्थन या स्वीकृति नहीं देता है।
संशोधित मानचित्र किया था जारी
नेपाल की केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली सरकार ने 20 मई को संशोधित राजनीतिक प्रशासनिक मानचित्र जारी किया था। संसद द्वारा विवादास्पद मानचित्र को पारित करने के बाद सरकार अब अपने संशोधित मानचित्र को अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भेजने की तैयारी में है।