एफएनएन ब्यूरो, भरूच-गुजरात। गुजरात के भरूच जिले के अंकलेश्वर में 20 अक्तूबर रविवार की रात एक दवा फैक्ट्री में छापेमारी में 400 किलोग्राम से अधिक ड्रग्स, एमडी और अन्य प्रतिबंधित सामग्री जब्त की गई। इसमें ₹14 लाख मूल्य की मेथामफेटामाइन और 427 किलोग्राम अन्य ड्रग्स शामिल हैं। मौके से एक आरोपी को गिरफ्तार भी किया गया है। ड्रग्स को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।
गुजरात पुलिस ने बताया कि उन्होंने रविवार रात जिला एसओजी और सूरत पुलिस के संयुक्त छापेमार अभियान में गुजरात के भरूच जिले के अंकलेश्वर औद्योगिक क्षेत्र में एक कारखाने अवसर एंटरप्राइज’ से से यह अवैध नशे के ड्रग्स बरामद किए और एक आरोपी को भी गिरफ्तार किया गया।
विशेष अभियान समूह (एसओजी) पुलिस ने बताया कि जब्त संदिग्ध दवाओं को पुष्टि के लिए फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) भेज दिया गया है। मामला दर्ज कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है।
इससे पहले 13 अक्टूबर को भी गुजरात और दिल्ली पुलिस द्वारा चलाए गए एक संयुक्त अभियान में अंकलेश्वर में अवकर ड्रग्स लिमिटेड फैक्ट्री से 5,000 करोड़ रुपये मूल्य की 500 किलोग्राम से अधिक कोकीन जब्त की गई थी।
यह प्रतिबंधित माल दिल्ली पुलिस द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में एक गोदाम पर छापा मारने और 562 किलोग्राम कोकीन और 40 किलोग्राम हाइड्रोपोनिक मारिजुआना की खेप जब्त करने के कुछ सप्ताह बाद जब्त किया गया था।
स्पेशल सेल ने दिल्ली के महिपालपुर में एक गोदाम पर छापा मारकर अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया था। पुलिस ने 562 किलोग्राम कोकीन और 40 किलोग्राम हाइड्रोपोनिक मारिजुआना की खेप जब्त की। कोकीन की कीमत ₹ 2,000 करोड़ से अधिक थी और यह शहर में अब तक की सबसे बड़ी ड्रग धरपकड़ है। एक गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने खेप के साथ चार लोगों को गिरफ्तार किया।
जांच के दौरान 10 अक्टूबर को दिल्ली के रमेश नगर स्थित एक दुकान से करीब 208 किलोग्राम अतिरिक्त कोकीन बरामद की गई। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत 2,000 करोड़ रुपये से अधिक थी।
सूत्रों ने बताया कि दिल्ली पुलिस को पता चला कि ये दवाइयां एक कंपनी की हैं, जिसने इन्हें अंकलेश्वर स्थित दवा कंपनी से प्राप्त किया था। दिल्ली पुलिस ने अपनी जांच तब शुरू की जब उसे दुबई स्थित एक प्रेषक द्वारा विभिन्न उत्पादों की कई खेप भेजे जाने की सूचना मिली। कई खेपों में कपड़े और अन्य परिधान भी शामिल थे, जिन्हें विभिन्न मालवाहक जहाजों के माध्यम से गोवा बंदरगाहों तक पहुँचाया गया था।