एफएनएन, नई दिल्ली: भाजपा नेता मनोज सिन्हा जम्मू-कश्मीर के नए उपराज्यपाल होंगे। गिरीश चंद्र मूर्मू के बुधवार को इस्तीफा देने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनके नाम की घोषणा की। छात्रसंघ अध्यक्ष से लेकर केंद्रीय मंत्री तक की राजनीति का सफर तय करने वाले सिन्हा की गिनती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के करीबियों में होती है। 2017 के विधानसभा चुनाव में जब भाजपा को उत्तर प्रदेश में ऐतिहासिक जीत मिली, तो मुख्यमंत्री के प्रवल दावेदारों में सिन्हा का नाम चर्चा में रहा। 61 साल के सिन्हा अब जम्मू-कश्मीर के दूसरे उपराज्यपाल की जिम्मेदारी संभालेंगे।
रेल राज्यमंत्री भी रहे सिन्हा
मनोज सिन्हा का जन्म एक जुलाई 1959 को गाजीपुर के मोहनपुरा में जन्म हुआ। अपनी शुरुआती पढ़ाई गांव के प्राथमिक विद्यालय से की, इसके आगे की पढ़ाई के लिए बनारस चले गए। वर्ष 1982 में बीएचयू छात्रसंघ अध्यक्ष रहे। सिन्हा आइआइटी बीएचयू से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक और एमटेक किए हुए हैं। मोदी सरकार के पहले कार्याकाल में वह रेल राज्यमंत्री व संचार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहे। सिन्हा 1999 से 2000 तक ऊर्जा, संबंधी स्थायी समिति के सदस्य रहे। उसी दौरान सरकारी आश्वासनों संबंधी समिति के सदस्य भी रहे। पूर्वांचल में भाजपा के बड़े चेहरों में शुमार मनोज सिन्हा की 1, मई 1977 को बिहार के भागलपुर की नीलम सिन्हा से शादी हुई। उनकी एक बेटी है, जिसकी शादी हो चुकी है और एक बेटा है जो एक टेलीकॉम कंपनी में काम करता है।
तीन बार सांसद रहे मनोज
सिन्हा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे। वह 1989 में भाजपा राष्ट्रीय परिषद के सदस्य बने और 1996, 1999, 2014 में गाजीपुर से सांसद रहे। 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। सपा-बसपा गठबंधन के उम्मीदवार और मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी ने उन्हें हराया। इसके बाद यह चर्चा होने लगी कि पार्टी उन्हें राज्यसभा में भेजेगी, लेकिन अब वे जम्मू-कश्मीर का उपराज्यपाल बनाए गए हैं।