- बोलीं वन विभाग की प्रमुख संरक्षक रंजना काला. ग्रामीणों को देंगे वन्य जीवों के व्यवहार, वास स्थल की जानकारी
एफएनएन, देहरादून। वन्यजीव और मानव के बीच बढ़ते संघर्ष से वन विभाग की नींद भी उड़ी हुई है। तमाम प्रयासों के बावजूद वन्यजीवों के साथ संघर्ष की घटनाएं कम नहीं हो पा रही हैं। अब वन विभाग इस तरफ खास फोकस कर रहा है। प्रमुख मुख्य वन संरक्षक रंजना काला ने इस बाबत वन्यजीव प्रतिपालकों को विशेष निर्देश जारी किए हैं।
वन मुख्यालय में पिछले दिनों बड़े बदलाव हुए हैं। जयराज की सेवानिवृत्ति के बाद वरिष्ठ आईएफएस रंजना काला को नया मुख्य वन संरक्षक बनाया गया है। रंजना काला भी पदभार ग्रहण के बाद से खासी सक्रिय नजर आ रही हैं। उन्होंने अपनी प्राथमिकताएं गिनाते हुए मानव-वन्यजीव संबंधों को लेकर अधिकारियों के साथ खास चर्चा की। कहा- वन्यजीवों की राह में आने से बचने के लिए हमें उनके व्यवहार और हैबिटेट की अच्छी समझ होना जरूरी है। ग्रामीण क्षेत्रों में वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं अधिक होती हैं। इन्हें रोकने के लिए वन विभाग को ग्रामीणों को जागरूक करने के साथ ही बचाव के उपाय भी सिखाने चाहिए। वन विभाग ने संरक्षित वन क्षेत्र में मानव अतिक्रमण पर भी चिंता जताई। इस प्रकार के अतिक्रमण से वन्यजीवों के जीवन में दखल होता है, जो अक्सर संघर्ष का कारण बनता है।
ग्रामीणों को किया जाएगा जागरूक
वन विभाग की ओर से अब ग्रामीणों को वन्यजीवों के व्यवहार और वास स्थानों की जानकारी दी जाएगी। साथ ही आमना-सामना होने पर जरूरी एहतियात के बारे में भी रूबरू कराया जाएगा। वन विभाग की प्रशिक्षित टीमें इस मुहिम में सक्रिय भूमिका निभाएंगी। यही नहीं फील्ड कर्मियों को भी वन्यजीवों से समन्वय बनाने की ट्रेनिंग दी जाएगी। रिहायशी क्षेत्रों में वन्यजीवों की आमद रोकने को भी योजना बनाई जा रही है।