वक्ताओं ने नेताजी सुभाष को एशिया का सबसे बड़ा क्रांतिकारी बताया
एफएनएन ब्यूरो, बरेली। मानव सेवा क्लब के तत्वावधान में आजादी की लड़ाई के महानायक महान क्रांतिकारी नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 128वीं जयन्ती पर छात्र-छात्राओं की भाषण और चित्रकला प्रतियोगिता गुरुवार को सिविल लाइंस स्थित शान्ति अग्रवाल विद्या मंदिर इण्टर कॉलेज में कराई गई। सीनियर और जूनियर वर्ग में हुई इन प्रतियोगिताओं में 94 छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

भाषण प्रतियोगिता के सीनियर वर्ग में प्राची विजेता बनीं। आयुष द्वितीय गरिमा सिंह तृतीय स्थान पर रहे। जूनियर वर्ग में अदिति विजेता और आराध्या द्वितीय तथा शिवांश तृतीय स्थान पर रहे। चित्रकला प्रतियोगिता में बच्चों ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के आकर्षक चित्र बनाए। सीनियर वर्ग में अपूर्व विजेता बने। प्रियांशी द्वितीय तथा प्रिया तृतीय स्थान पर रहे। जूनियर वर्ग में श्रेया विजेता चुनी गईं। अदिति द्वितीय, कविता तृतीय स्थान पर रहीं। सभी विजयी छात्र-छात्राओं को स्मृति चिन्ह और प्रमाण-पत्र मुख्य अतिथि रणजीत पांचाले,डॉ. अनिल मिश्र,रमेश गौतम, किरन प्रजापति, क्लब के अध्यक्ष सुरेन्द्र बीनू सिन्हा, महासचिव प्रदीप माधवार ने प्रदान किये।
विचार गोष्ठी में मुख्य वक्ता इतिहासकार श्री रणजीत पांचाले ने कहा कि आजादी के बाद यदि देश में नेताजी का शासन होता तो भारत को एक राष्ट्र न मानने वाले तथा भाषा, जाति या प्रांतीयता के नाम पर बांटने वाले तत्वों का आज अस्तित्व ही नहीं होता। नेताजी ने अगस्त 1942 में एक जर्मन पत्रिका में लेख में लिखा था कि स्वाधीन भारत में सभी तरह के विभाजनकारी तत्वों का सख्ती से सफाया कर दिया जाएगा। इतिहासविद् डॉ. अनिल मिश्रा, साहित्यकार-बुद्धिजीवी रमेश गौतम और किरन प्रजापति ने भी सारगर्भित उद्बोधन दिए।
इससे पूर्व कार्यक्रम का प्रारंभ मधु वर्मा के देशभक्ति गीत ए मेरे वतन के लोगों से हुआ। सामूहिक वंदे मातरम किया गया। क्लब के अध्यक्ष सुरेन्द्र बीनू सिन्हा और महासचिव प्रदीप माधवार ने प्रधानाचार्य डॉ. धीरेन्द्र शर्मा, रणजीत पाँचाले, डॉ.अनिल मिश्रा, अविनाश चंद्र को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इंद्र देव त्रिवेदी और धीरेन्द्र शर्मा ने आभार व्यक्त किया। राजेश सक्सेना, अनिल सक्सेना, मुकेश सक्सेना,राम कुमार भारद्वाज, डॉ. असित रंजन, डॉ. अनिला रंजन, सुनील शर्मा, गिरीश परमार, सुधीर मोहन, मीरा मोहन, राजीव सिटी, निर्भय सक्सेना, हेमंत शर्मा, जितेन्द्र सक्सेना, मंजू लता, प्रीती सक्सेना और विद्यालय की अध्यापिकाओं की उपस्थिति रही।