चौतरफा विरोध के बाद अब बैकफुट पर अखाड़ा प्रबंधन, महंत हरि गिरि बोले-सनातन की शरण में आए माफिया को भी अकेला नहीं छोड़ सकते
एफएनएन ब्यूरो, प्रयागराज-उप्र। प्रयागराज में संगम की पवित्र रेती पर महाकुंभ से पहले माफिया डॉन पीपी की पंचदश नाम जूना अखाड़े के मठाधीश के रूप में ताजपोशी पर संत समाज दोफाड़ होता दिख रहा है। माफिया डॉन प्रकाश पांडेय ‘पीपी’ फिलहाल अल्मोड़ा जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। दो दिन पहले पीपी को जेल में ही श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा का संत और मठाधीश बनाने का ऐलान करते हुए ‘प्रकाशानंद गिरि’ नया नाम भी दिया गया।
प्रयागराज महाकुंभ का बड़ा पर्व बिल्कुल करीब ही है और जूना अखाड़ा अपने इस विवादास्पद फैसले को लेकर आलोचनाओं से घिर गया है। चौतरफा किरकिरी होते देख अखाड़ा प्रबंधन बैकफुट पर आ गया है। सर्वविदित है कि अंडरवर्ल्ड डॉन पीपी दाऊद को मारने के लिए ‘पीपी’ करांची तक पहुंच गया था।
जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक महंत हरि गिरि ने शनिवार को मीडिया कर्मियों से मुखातिब होते हुए कहा कि इस मामले में जांच बैठा दी गई है। सफाई दी कि हर किसी को स्वेच्छा से सनातन की शरण में आने का अधिकार है। लिहाजा सनातन की शरण में आए माफिया ‘पीपी’ को भी अकेला छोड़कर उससे किनारा नहीं किया जा सकता।