- बच्ची के साथ छत पर उसके दो भाई-बहन और माता पिता भी सो रहे थे
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के एक गांव में माता-पिता के साथ छत पर सो रही नौ माह की बच्ची गायब हो गई। स्थानीय पुलिस इस मामले को किसी जंगली जानवर के गांव में घुसकर उठा ले जाने का अनुमान जता रही है, हालांकि पिता ने पुलिस के दावे पर सवाल उठाया है।
एफएनएन, लखीमपुर खीरी : खीरी जिले के फूलबेहड़ थाना इलाके के मौजमाबाद गांव में एक रहस्मढंग से एक नौ माह की बच्ची लापता हो गई। परिवार वालों के मुताबिक वह लोग गर्मी होने से सीढ़ी लगाकर घर की छत पर सो रहे थे, आधी रात को अचानक आंख खुलने पर उनकी दुधमुंही बच्ची गायब थी।
- बच्ची के गायब होने का डेढ़ दिन बीत चुका है, सिर्फ कयासों का दौर जारी है
सोमवार और मंगलवार के बीच रात को मौजमाबाद गांव के सुनील कुमार अपनी पत्नी और तीन बच्चों क्रमशः 7 साल की बेटी, पांच साल का एक बेटा और नौ माह की पुत्री शिवानी के साथ सो रहे थे। अचानक रात एक बजे आंख खुलने पर देखा कि उनकी सबसे छोटी पुत्री (नौ माह) गायब है। रात को आस-पास तलाश किया, पुलिस को भी सूचना दी, लेकिन कहीं कोई सुराग न लगा। नौ माह की बच्ची के रहस्यमय ढंग से गायब होने पर गांव में हड़कंप मच गया। सुबह होते ही बच्ची गायब होने की खबर से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। स्थानीय पुलिस सुंदरवल चौकी इंचार्ज लोकेश सिंह राणा कहते हैँ कि गांव में भेड़िया के आने की कुछ लोग पुष्टि कर रहे हैं, संभव है कि बगैर मुंडेर की छत से बच्ची गिरी हो, और भेंडिया ले गया हो।
- पुलिस की थ्योरी पर पिता सुनील ने उठाया सवाल
लखीमपुर। सुनील कहते हैँ कि दो दिन से उनके घर में चूल्हा नही जला है, गांव के लोगों के साथ हम लोगों ने खेत खलिहान, और बागों तक तलाश की है, लेकिन कोई उनकी बेटी का कोई सुराग नही लगा है। पुलिस के दावे पर सुनील कहते हैँ कि उनके छत पर बांस की सीढ़ी लगी थी, ऐसे में भेड़िया चढ़कर कैसे आता ? और परिवार के बीच सो रही बच्ची को कैसे उठा ले जा सकता है। वह अपनी पुत्री के साथ अनहोनी की आशंका जता रहे हैं। ग्राम प्रधान लालता प्रसाद कहते हैँ कि वह मौके पर रात को गए थे, लेकिन गांव में किसी ने भेड़िया को देखा नही था।
- वन महकमे की टीम भी पहुंची, लेकिन नही मिले पगचिन्ह
लखीमपुर। 40 घंटे बीत जाने के बाद पुलिस अभी भेड़िया आने की बात पर जोर दे रही है। कोतवाल एसएन सिंह भी कहते हैँ कि गांव में एक ही रात में बकरी के बच्चों को ले जाते हुए भेड़िया को दो लोगों ने देखा था। उधर गांव में जंगली भेड़िया आने की जानकारी पर गांव पहुंचे फॉरेस्ट गार्ड विनोद भारती बताते हैँ कि घर के करीब में कोई पैरों के निशान नही मिले हैं, वहीं यहां जंगल पांच किमी दूर है। वहीं छत पर भेड़िया अगर बच्ची को लेकर जाता तो बच्ची के रोने की आवाज सुनकर लोग जग जाते।
बहरहाल घटना की रिपोर्ट अभी तक दर्ज नही हुई है, लोग बच्ची के सही सलामत मिलने की दुआएं कर रहे हैँ।