Sunday, June 8, 2025
03
20x12krishanhospitalrudrapur
previous arrow
next arrow
Shadow
Homeराज्यउत्तर प्रदेशकानून बनते ही 'लव जिहाद' का यूपी का पहला केस बरेली में...

कानून बनते ही ‘लव जिहाद’ का यूपी का पहला केस बरेली में दर्ज

  • ‘लव जिहाद’ के खिलाफ नए कानून में सिर्फ शादी के लिए धर्मांतरण अपराध घोषित 
  • राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शनिवार को ही बहुचर्चित अध्यादेश  को दी है मंजूरी

एफएनएन, बरेलीः ‘लव जिहाद’ के खिलाफ योगी सरकार की कैबिनेट से पारित अध्यादेश को शनिवार को राज्यपाल आनंदी बेन की मंजूरी  मिलने के कुछ ही घंटों के भीतर बरेली के देवरनिया थाने में शनिवार देर शाम विवाह के लिए जबरन धर्म परिवर्तन कराने का यूपी का पहला मामला दर्ज भी हो गया  है। देवरनिया थाना पुलिस ने पीड़ित पक्ष की तहरीर पर संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज करते हुए आरोपी की गिरफ्तारी के लिए दबिशें दी हैं।

बरेली के थाना देवरनिया के एक गांव के व्यक्ति ने रिपोर्ट लिखाई है कि उनकी बेटी से पढ़ाई के दौरान गांव के ही निवासी उवैस अहमद ने दोस्ती कर ली। अब वह बेटी पर धर्म परिवर्तन कर शादी करने का दबाव बना रहा है। उन्होंने कई बार उवैस को समझाने की कोशिश की पर वह नहीं माना। प्रभारी एसएसपी लडॉ. संसार सिंह ने बताया कि यूपी सरकार ने उप्र विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम लागू किया है। शनिवार रात देवरनिया थाने में इसी कानून के तहत उवैस के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

अब जबरन धर्मांतरण पर 10 साल तक की जेल 

बताते चलें कि जबरन धर्मांतरण के विरुद्ध यूपी सरकार के कड़े कानून को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने शनिवार को ही मंजूरी दी है। इसके तहत जबरन धर्म परिवर्तन कराने पर 15 से 50 हजार रुपए तक जुर्माना का प्रावधान है। नए कानून में सिर्फ शादी के लिए कराए गए धर्म परिवर्तन को अवैध भी घोषित कर दिया गया है। अगर कोई भी व्यक्ति जबरन किसी का धर्म परिवर्तन कराता है तो उसे 3 से 10 साल की सजा हो सकती है।

 

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments