Thursday, November 21, 2024
spot_img
spot_img
03
20x12krishanhospitalrudrapur
previous arrow
next arrow
Shadow
Homeराज्यउत्तराखंडजिस आम रास्ते पर अवैध कब्जे का इल्जाम, वह राजस्व रिकार्ड में...

जिस आम रास्ते पर अवैध कब्जे का इल्जाम, वह राजस्व रिकार्ड में है ही नहीं

  • प्रेस वार्ता में बोले विजय भूषण, सुरेंद्र सिंह-गहरी साजिश के तहत कुछ लोग छवि बिगाड़ने को लगा रहे सरासर झूठा इल्ज़ाम

एफएनएन, रुद्रपुर: शहर के प्रतिष्ठित प्रापर्टी डीलर विजय भूषण गर्ग और उनके साझेदार सुरेंद्र सिंह ग्रोवर की ओमैक्स लि. द्वारा विकसित रिवेरा कालोनी के जिस गेट नं. 2 पर अवैध कब्जा कर आम रास्ता बंद कर देने का सरासर झूठा इल्जाम कुछ लोग गहरी साजिश के तहत वर्षों से बनी छबि बिगाड़ने की नापाक मंशा से लगा रहे हैं, दरअसल जमीन का वह टुकड़ा ओमैक्स के कब्जे वाली पार्किंग का है और भूड़ा रानी गांव के राजस्व विभाग के खसरे या सीडा/सिडकुल के अधिकृत नक्शे में कहीं भी आम रास्ते के रूप में दर्ज ही नहीं है।

आवास विकास कालोनी रुद्रपुर निवासी विजय भूषण और उनके साझेदार सुरेंद्र सिंह ने शनिवार को प्रेस वार्ता में ये दावा किया। बताया कि बगल के भूखंड स्वामी अजय गोयल और कुछ अन्य लोग आम रास्ते पर अवैध अतिक्रमण का सरासर झूठा इल्जाम लगाकर साजिशन उनकी छबि बिगाड़ने में जुटे हैं। प्रेसवार्ता में विजय भूषण और सुरेंद्र सिंह ने स्पष्ट किया कि उनकी कंपनी ओमैक्स लि. द्वारा विकसित रिवेरा कालोनी के जिस गेट नं. 2 के सामने ईंट, रेता-बजरी डालकर आम रास्ता बंद करने का उन पर झूठा आरोप लगाया गया है वह भूमि राजस्व विभाग के अभिलेखों में आम रास्ते में दर्ज ही नहीं है। डीएम के आदेश पर तहसीलदार रुद्रपुर डा. अमृता शर्मा भी राजस्व निरीक्षकों की टीम से पैमाइश कराने के बाद 7 जनवरी 2019 को एसडीएम को भेजी रिपोर्ट में ग्राम भूड़ा रानी के संबंधित भूखंड रकबा 2994 वर्गमीटर को विजय भूषण द्वारा वर्ष 2011 में सीडा से नियमानुसार लीज पर क्रय की गई मिलकियत करार दे चुकी हैं।

गांव के खसरे और सीडा के नक्शे में आम रास्ता दर्ज ही नहीं

विजय भूषण, सुरेंद्र ग्रोवर द्वारा उपलब्ध कराई गई पंजीकृत लीज डीड और सीडा से स्वीकृत मानचित्र का मिलान कराने पर स्पष्ट हो गया कि ग्राम भूड़ा रानी की उक्त भूमि के खसरे और शजरे में भी कालोनी के गेट नं. 2 पर किसी आम रास्ते का उल्लेख नहीं है। कालोनी का एकमात्र आम रास्ता गेट नं. 1 से है और उस पर वाहनों का आवागमन सुचारु रूप से हो भी रहा है। अतिक्रमण नहीं है। भूखंड का वह हिस्सा जिसे साजिशन आम रास्ता बताकर अतिक्रमण का आरोप लगाते हुए जन सुनवाई दिवस में अजय गोयल आदि द्वारा डीएम के समक्ष जो झूठी शिकायत की गई थी, राजस्व अभिलेखों में वह सिडकुल और सीडा द्वारा विजय भूषण आदि को वर्ष 2011 में लीज पर आवंटित कामर्शियल भूखंड-1 की व्यक्तिगत पार्किंग के रूप में स्वीकृत है। विजय भूषण ने प्रेस वार्ता में यह भी साफ किया है कि रेरा कोर्ट के जिस आदेश का हवाला देकर प्रतिपक्षी अफवाहें उड़ा रहे हैं, उस आदेश से उनके (विजय भूषण आदि के) उक्त भूखंड से कोई वास्ता है ही नहीं। विजय भूषण आदि को द्वेषवश प्रतिवादी बनाया गया है। रेरा कोर्ट ने अभी तक इस में कोई भी अंतिम आदेश जारी नहीं किया है।

सिविल जज (सी.डि.) कोर्ट में विचाराधीन है एक अन्य वाद  

बकौल विजय भूषण सच्चाई यह भी है कि उक्त रास्ते के संबंध में मई 2017 में न्यायालय में दायर अपने दीवानी वाद को बगल के भूखंड स्वामी अजय गोयल कोर्ट द्वारा नियुक्त वकील कमिश्नर की मौका मुआयना करने के बाद दी गई आख्या के बाद अक्तूबर 2019 में स्वेच्छा से वापस भी ले चुके हैं। विजय भूषण ने यह भी दावा किया कि 2011 में व्यावसायिक भूखंड-1 लीज पर लेने से एक वर्ष पहले ही 16 सितंबर 2010 को मुख्य डेवलपर ओमैक्स लि. द्वारा सीडा से मानचित्र स्वीकृत कराया जा चुका था। फिलहाल भूखंड पर मालिकाना हक का एक अन्य वाद अजय गोयल बनाम विजय भूषण आदि सिविल जज (सीनियर डिवीजन) कोर्ट में विचाराधीन है। कोर्ट का फैसला होने तक किसी को भी उनकी भूमि को आम रास्ता बताकर छीनने का हक नहीं है।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments