यूएनजीए में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने किया ऐलान, भूटान और कई अन्य देश भी खुलकर आए साथ
एफएनएन विदेश ब्यूरो, न्यूयॉर्क। पुराने साझेदार रूस ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के भारत के दावे का समर्थन किया है। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने 79वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के मंच से समर्थन का ऐलान किया है।
रूसी विदेश मंत्री लावरोव ने यूएनजीए में दुनिया भर के प्रतिनिधियों के बीच अपने संबोधन में जोर देकर कहा कि UNSC का विस्तार और वैश्विक दक्षिण का न्यायसंगत प्रतिनिधित्व समय की मांग है। लावरोव ने कहा, “जुलाई में भी रूस के प्रस्ताव पर सुरक्षा परिषद में खुली बहस हुई थी। हमारा स्पष्ट मानना है कि एक निष्पक्ष वैश्विक व्यवस्था के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वैश्विक दक्षिण के प्रतिनिधित्व के विस्तार की निस्संदेह बहुत जरूरत है। हम भारत और ब्राजील को स्थायी सदस्यता का पूर्ण समर्थन करते हैं। उन्होंने साफ किया कि रूस पश्चिमी देशों के लिए अतिरिक्त सीट देने का प्रबल विरोध करता है क्योंकि उनका सुरक्षा परिषद में पहले से ही अत्यधिक प्रतिनिधित्व है।”
भारत विकासशील देशों का बेहतर प्रतिनिधित्व करने के लिए सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट की लंबे समय से मांग करता रहा है। कई देशों ने इसका समर्थन भी किया है। इससे पहले शुक्रवार को भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे भी यूएनएससी में स्थायी सीट के भारत के दावे का समर्थन कर चुके हैं।
अपने संबोधन में लावरोव ने पश्चिमी देशों पर वैश्वीकरण के मूल्यों को कुचलने का आरोप भी लगाया। कहा, इन देशों ने दुनिया के आधे देशों के खिलाफ प्रतिबंध थोपकर वैश्विक युद्ध ही छेड़ रखा है। ये देश डॉलर को हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। सर्गेई लावरोव ने कहा, “अतीत में बान की मून और कोफी अन्नान की तर्ज पर संयुक्त राष्ट्र के वर्तमान महासचिव ने भी सुरक्षा परिषद में न्यायसंगत विस्तार की पहल को आगे बढ़ाया है। इस बेहतरीन पहल का विरोध कौन कर सकता है।”
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के शांति सूत्र को निराशाजनक बताते हुए लावरोव ने मध्यस्थता की पहल कर रहे रूस के भागीदारों से मौजूदा वस्तु स्थिति और तथ्यों को ध्यान में रखने का आग्रह भी किया है।