एफएनएन, सूरजपुर : छत्तीसगढ़ के आदिवासी अंचल सूरजपुर में एक मृत महिला के नाम पर जमीन की बड़ी ठगी को अंजाम दिया गया है. पूरी घटना सूरजपुर के भटगांव इलाके की है. यहां के सोनपुर गांव में रहने वाली ऋषिबाई के नाम पर ठगी का कांड किया गया. मृत महिला के आधार कार्ड का उपयोग कर बलरामपुर रामानुजगंज की महिला श्यामा देवी को बेच दिया गया. इस बात की जानकारी तीन साल बाद महिला के परिचितों को हुई. उसके बाद पीड़ित लोगों ने गांव के सरपंच के साथ सूरजपुर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.
कैसे किया गया जमीन फर्जीवाड़ा ?: आरोपियों ने मृत महिला ऋषि बाई के आधार कार्ड में कूटरचित रचना की. उसके बाद उस आधार कार्ड में नरेशपुर की महिला बच्ची बाई का फोटो लगाया गया. वह महिला हरिजन थी. उसे लालच देकर फर्जी आधार कार्ड में उसका नाम देकर फर्जी आधार कार्ड बनाया गया. इस तरह आधार कार्ड और दस्तावेज तैयार कर जमीन का फर्जी पेपर बनाया गया. जब पेपर बन गया तो बलरामपुर की महिला श्यामा देवी के नाम पर इस जमीन को बेच दिया गया. इस तरह एक आदिवासी महिला की जमीन को हरिजन महिला के नाम पर फर्जी दस्तावेज के सहारे ट्रांसफर किया गया. उशके बाद जमीन की बिक्री की गई. फर्जीवाड़े का यह सारा खेल साल 2022 में किया गया.हमारी पुश्तैनी जमीन को फर्जीवाड़ा कर बेचा गया है. इसकी शिकायत लेकर हम पुलिस के पास आए हैं. पुलिस को आवेदन दिया है- रामेश्वरी पैकरा, शिकायतकर्ता
मृत महिला ऋषिबाई के नाम पर फर्जीवाड़ा हुआ है. उसके पिता ने उन्हें 10 एकड़ जमीन दिया था. इस बात का पता ठगों का था. महिला की मौत साल 2018 में हो गई. उसके बाद ठगों ने बच्ची बाई के नाम पर ऋषि बाई के आधार कार्ड में छेड़छाड़ कर बच्ची बाई का आधार कार्ड बनाया. उसके बाद इस ठगी को अंजाम दिया. हमने इसकी शिकायत पुलिस से की है- महेंद्र सिंह मार्को, शिकायतकर्ता, जनपद सदस्य पति
हमें जमीन फर्जीवाड़े की शिकायत मिली है. इस शिकायत को जांच के लिए करंजी पुलिस चौकी में भेजा गया है. इस मामले में मापदंड के अनुसार तथ्यात्मक जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी- संतोष महतो, एडिशनल एसपी, सूरजपुर
आधार कार्ड से जमीन के फर्जीवाड़े का यह केस लोगों को हैरत में डाल रहा है. सूरजपुर पुलिस ने भी लोगों को अपने आधार कार्ड को लेकर सतर्क रहने को कहा है. इस घटना के बाद अब यह सवाल उठता है कि जिन लोगों की मौत हो जाती है उनके आधार कार्ड को समय रहते डिएक्टिवेट करवाना जरूरी है. इस पर भी सरकार और शासन को सोचने की जरूरत है.





