एफएनएन, कानपुर: छावनी में सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी से 1.78 करोड़ की साइबर ठगी के मामले में चार शातिर साइबर ठग गिरफ्तार किए गए थे। चारों शातिरों में से मास्टरमाइंड आठवीं फेल रोहित सोनी मध्य प्रदेश की राजनैतिक पार्टी जन कल्याण संघ समिति के पिछड़ा वर्ग का भोपाल का जिलाध्यक्ष निकला था, वहीं तीन अन्य बैंक कर्मचारी थे।
मंगलवार को गिरफ्तार कर जेल भेजने के बाद बुधवार को मास्टरमाइंड रोहित का फेसबुक से वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। जिससे पुलिस को यह जानकारी हुई कि रील बनाने का काफी शौकीन है। वीडियो में उसके साथ एक युवती भी नजर आई है, पुलिस इसकी जांच करने में जुट गई है। इन चारों शातिरों ने पूरे देश में 22 करोड़ से भी ज्यादा की ठगी को अंजाम दिया है।
साइबर थाना पुलिस की जांच में एक बात सामने आई है, कि जिन आठ खातों में सैन्य अधिकारी से ठगी रकम भेजी गई थी। वह सभी व्यापार के लिए प्रयोग में आने वाले करंट अकाउंट थे। जांच में यह भी पता चला है कि 8 वीं पास शातिर रोहित सोनी और उसके साथियों ने अकाउंट खरीदे थे।
साइबर पुलिस ने मास्टरमाइंड रोहित सोनी की फेसबुक प्रोफाइल भी चेक की। जिसके जरिए पता चला कि रोहित सोनी का एक नाम रिंकी भी है। बताया जा रहा है, कि फेसबुक प्रोफाइल पर 8 अक्टूबर को रोहित सोनी ने ये वीडियो भोपाल से पोस्ट किया था।
ये शातिर इस शहर के पकड़े गए थे
डीसीपी अपराध आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि 1 करोड़ 78 लाख 85 हजार की ठगी में अंतर्राज्यीय शातिर ठगों में मास्टरमाइंड रोहित सोनी निवासी चाणक्यपुरी जेके रोड सीपेट कॉलेज थाना अयोध्या भोपाल मध्य प्रदेश, अक्षय गुरू आईडीएफसी बैंक में लोन रिकवरी एजेन्ट 12 वीं पास निवासी पटेल निवासी थाना बाबई होसंगाबाद, मनीष कुमार मंडल एचडीएफसी बैंक में सेल्स डिपार्टमेंट निवासी तरेया जिला मधुबनी बिहार, मयंक मीणा एसबीए करके प्राइवेट बैंक में क्लर्क निवासी पुलिस लाइंस नेहरू नगर भोपाल मध्य प्रदेश पकड़े गए थे।
तुम अगर सोचते हो कि मैं बुरा हूं
अंतर्राज्यीय गिरोह में सबसे शातिर 8 वीं फेल रोहित सोनी है। फेसबुक अकाउंट में वीडियो में युवती भी मौजूद थी। अकाउंट में उसने मैसेज लिखा कि तुम अगर सोचते हो कि मैं बुरा हूं। तो तुम गलत सोचते हो। मैं बहुत बुरा हूं। वीडियो में वह युवती हंसते और साथ चलते नजर आई है।
खातों में पैसों की होती डीलिंग
साइबर के एक अधिकारी ने बताया कि जिन खातों में पैसा मंगाया गया है उनकी डीलिंग होती है। वह खाते या तो खरीदे जाते हैं या फिर किराए पर लिए जाते हैं। इस मामले में तीन बैंक कर्मचारी भी पकड़े गए हैं। कुछ खातों की तो जानकारी मिली है। मगर कुछ खातों को लेकर संशय बरकरार है कि इन्हें कहीं फेक आईडी की मदद से तो नहीं खोला गया है।
अधिकारी ने बताया कि जो अपने खाते उपलब्ध कराते हैं वो या तो इसके लिए एक मुश्त रकम लेते हैं या फिर महीने भर के लिए किराए की रकम सेट कर लेते हैं। सभी बिन्दुओं पर गहनता से जांच की जा रही है।
जिन खातों में गया पैसा उनको जा रहा खोजा
डीसीपी अपराध ने बताया कि जिन खातों में पैसा गया है उनके लोगों की भी तलाश की जा रही है। उनकी गिरफ्तारी के साथ बहुत चीजें सामने आ जाएंगी। खातों की खरीद फरोख्त या फिर फेक आईडी के जरिए उन्हें खोला गया है कि नहीं इसकी भी जानकारी जुटाई जा रही है।