एफएनएन ब्यूरो, नई दिल्ली। राउज एवेन्यू कोर्ट ने शुक्रवार को आप नेता और दिल्ली के पूर्व कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में जमानत दे दी। विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने अपने फैसले में लिखा कि मुकदमे में देरी और 18 महीने की लंबी कैद को देखते हुए आरोपी को राहत दी जानी चाहिए।
‘ईडी की दलील-गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं जैन’
इससे पहले सुनवाई के दौरान विशेष न्यायाधीश राकेश स्याल ने आरोपियों और ईडी की ओर से आवेदन पर दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था। जैन के वकील ने अदालत से कहा था कि जैन को न्यायिक हिरासत में रखने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा। ईडी ने आवेदन का विरोध करते हुए कहा था कि यदि जैन को रिहा किया गया तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। ईडी का मामला 2017 में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत जैन के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी से सामने आया है।
सत्येंद्र की पत्नी, कई करीबी और फर्में भी हैं आरोपी
जैन पर आरोप है कि उन्होंने 2009-10 और 2010-11 में फर्जी कंपनियां बनाईं। इन कंपनियों में अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इंफो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। इस मामले में ईडी ने सत्येंद्र जैन के अलावा उनकी पत्नी पूनम जैन और करीबियों अजीत प्रसाद जैन, सुनील कुमार जैन, वैभव जैन, अंकुश जैन तथा फर्मों मेसर्स अकिंचन डेवलपर्स प्राईवेट लिमिटेड, मेसर्स प्रयास इंफो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और जेजे आइडियल इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड को भी आरोपी बनाया गया है। ईडी ने सत्येंद्र जैन को 30 मई 2022 को गिरफ्तार किया था।
केजरीवाल ने लिखा-वेलकम बैक… सत्येंद्र!
जमानत मिलने पर पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक्स हैंडल पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए लिखा, सत्येंद्र जैन को भी दो साल से ज़्यादा जेल में रहने के बाद बेल मिल गई। इनका कसूर क्या था? इनके यहां कई कई बार रेड हुई। एक पैसा भी नहीं मिला। इनका कसूर सिर्फ इतना था कि इन्होंने मोहल्ला क्लीनिक बनाये और दिल्ली के सभी लोगों का पूरा इलाज मुफ्त कर दिया। मोहल्ला क्लीनिक बंद करने के लिए और गरीबों का फ्री इलाज रोकने के लिए मोदी जी ने इन्हें जेल में डाल दिया लेकिन भगवान हमारे साथ है। आज ये भी रिहा हो गए। वेलकम बैक सत्येंद्र!