Friday, April 25, 2025
03
20x12krishanhospitalrudrapur
previous arrow
next arrow
Shadow
Homeराज्यउत्तर प्रदेशप्राकृतिक खेती, उन्नत नस्ल के पशुपालन से ही समृद्ध होगा किसान: प्रो....

प्राकृतिक खेती, उन्नत नस्ल के पशुपालन से ही समृद्ध होगा किसान: प्रो. बघेल

आईवीआरआई बरेली में देश भर के पशुपालन विभाग के निदेशकों और आयुक्तों की 1st फॉलोअप इंटरफेस मीट

फ्रंट न्यूज ब्यूरो, बरेली । भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान,(आईवीआरआई) इज्जतनगर के भारतीय पक्षी अनुसंधान संस्थान (आईसीएआर) सभागार में 7 जनवरी  मंगलवार को प्रथम फालोअप इंटरफेस मीट-2024-25 आयोजित की गई। इस मीट में देश भर के 26 राज्यों तथा 5 केंद्र शासित प्रदेशों के पशुपालन विभाग के निदेशकों एवं आयुक्तों ने भाग लिया।


मीट में केंद्रीय राज्य मंत्री मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी प्रो़ एस.पी. सिंह. बघेल ने मुख्य अतिथि की हैसियत से अपने सम्बोधन में कहा कि आईवीआरआई पशुधन विकास के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है। उन्होंने राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रचलित सभी टीकों के विकास के साथ ही पशु रोगों की निगरानी में महत्वपूर्ण योगदान के लिए भी इस संस्थान का आभार व्यक्त किया। सुझाव दिया कि प्राकृतिक खेती, उन्नत नस्ल के पशुपालन और कृत्रिम गर्भाधान द्वारा केवल बछिया प्रजनन करने वाले सिमेन (वीर्य) के प्रयोग से ही किसानों की समृद्धि संभव है ।
आईवीआरआई इज्जतनगर के निदेशक डॉ. त्रिवेणी दत्त ने संस्थान के 135 वर्षों के गौरवशाली इतिहास को रेखांकित किया और पशुरोगों में प्रभावी टीकों तथा रोग निदान (पहचान) किटों के विकास, पशु उत्पादों के विकास एवं विपणन के साथ ही पशुधन संरक्षण-संवर्धन में योगदान पर विस्तार सी उपयोगी जानकारी दी।

डा. त्रिवेणी दत्त ने नई शिक्षा नीति के तहत इस डीम्ड विश्वविद्यालय द्वारा निरंतर की जा रही शैक्षिक पहलों का भी विवरण दिया। इनमें आईवीआरआई में संचालित मास्टर्स-डॉक्टरेट डिग्री कार्यक्रम और ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग (ओडीएल) कार्यक्रम, व्यावसायिक और मूल्यवर्धित पाठ्यक्रम शामिल हैं। बताया-इन प्रयासों का उद्देश्य पशुपालन में क्षेत्र के पशु चिकित्सकों और अन्य पेशेवरों के लिए निरंतर पशु चिकित्सा शिक्षा प्रदान करना है। निदेशक ने मुख्य अतिथि और सभी राज्यों के पशु चिकित्सा निदेशकों का भी मीट में  सहभागिता के लिए आभार व्यक्त किया।

संयुक्त निदेशक (प्रसार शिक्षा) डा. रूपसी तिवारी ने इंटरफेस मीटिंग के लिए पंजीकृत प्रतिभागियों के विवरण, मीटिंग के अधिदेश और प्रतिभागियों की अपेक्षाओं से सभा को अवगत कराया। उन्होंने 23 सितंबर, 2023 को आईसीएआर-आईवीआरआई में आयोजित प्रथम अखिल भारतीय राज्य पशुपालन निदेशक इंटरफेस मीट के शोध योग्य मुद्दों, प्रशिक्षण आवश्यकताओं और विभिन्न प्रयोगशालाओं की स्थापना संबंधी संस्थान के द्वारा प्रयासों का भी बिन्दुवार ब्योरा दिया।

इस अवसर पर तकनीकी सत्रों का भी आयोजन किया गया। आईवीआरआई के पशुधन स्वास्थ्य विभागाध्यक्ष डॉ. किरण भीलेगांवकर ने पशुधन क्षेत्र में रोगाणुरोधी प्रतिरोध रणनीतियों, मानकीकरण विभाग के विभागाध्यक्ष डा. प्रणव धर ने ”उभरती और सीमापारीय पशु रोग चुनौतियों, पशु रोगों की रोकथाम संबंधी  और वैश्विक रणनीतियों“ तथा पशुपोषण विभाग के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. सुनील जाधव ने ”वैकल्पिक चारा संसाधन द्वारा पशुधन के पोषण तथा पशु पुनरुत्पादन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मेराज हैदर खान ने पुनरूत्पादन की नवीन तकनीतियों तथा आईटीएमयू प्रभारी डॉ बबलू कुमार ने टेक्नोलोजी पोर्ट फोलियो के बारे में बहुमूल्य जानकारियां दीं।

तकनीकी सत्रों के दौरान निदेशकों ने विभिन्न शोध बिन्दुओं जैसे बीमारी अलार्म सिस्टम, ब्रुसेल्ला ग्रसित पशुओं का प्रबन्धन, वैकल्पिक फीड एवं फोडर की पहचान, एनाप्लाज्मा के टीके का विकास, थर्मोस्टेबल टीके का विकास, कीटनाशक/खरपतवार नाशक दवाओं की विषाक्तता की पहचान के लिए फील्ड टेस्ट एवं पशुपालन में कृत्रिम बुद्धिमता का प्रयोग आदि विषयों पर शोध करने-कराने का भी आग्रह किया।

कार्यक्रम का संचालन शल्य चिकित्सा विभाग के वैज्ञानिक डॉ. रोहित कुमार, धन्यवाद ज्ञापन आईटीएमयू प्रभारी डॉ. बबलू कुमार ने किया। राष्ट्री़य महत्व की इस मीट में आईवीआरआई के संयुक्त निदेशक शोध डा. एस.के. सिंह, संयुक्त निदेशक शैक्षणिक डॉ. एस.के. मेंदीरत्ता, संयुक्त निदेशक कैडराड डॉ. सोहिनी डे और आईवीआरआई के मुक्तेश्वर, बंग्लूरू परिसरें के संयुक्त निदेशक, इन दोनों परिसरों के प्रभारी और ़ विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्षों ने भी सक्रिय सहभागिता की।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments