एफएनएन, देहरादून : उत्तराखंड में एक अप्रैल से बिजली की नई दरें लागू होंगी। इसके लिए उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग यूपीसीएल की ओर से भेजे गए चार प्रतिशत बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव पर आम जनता से राय लेगा। प्रस्ताव पर आपत्ति व सुझाव लिए जाएंगे। राज्य भर में कई स्थानों पर सुनवाई होगी। राज्य में मतदान के बाद सुनवाई प्रक्रिया शुरू होगी।
यूपीसीएल ने इस बार चार प्रतिशत बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव नियामक आयोग को भेजा है। आयोग स्तर पर निगम के प्रस्ताव की पड़ताल की जा रही है। आयोग इस प्रस्ताव पर आम जनता समेत सभी वर्गों से सुझाव लेगा। सुनवाई प्रक्रिया में उद्योग, किसान, व्यापारी वर्ग से भी राय ली जाएगी। गढ़वाल और कुमाऊं मंडल में सुनवाई के स्थान और तारीख तय की जाएंगी।
इस बार पिछले साल की तुलना में सुनवाई प्रक्रिया लेट हो गई है। पहले यूपीसीएल ने प्रस्ताव भेजने में देर की। प्रस्ताव 30 नवंबर तक जमा हो जाना चाहिए था। जो कि नहीं हो पाया। इसके लिए यूपीसीएल ने आयोग से अतिरिक्त समय की मांग की थी। दिसंबर में जाकर प्रस्ताव जमा हो पाया। अब मतदान के बाद सुनवाई प्रक्रिया शुरू होगी। सुनवाई के बाद दरों को फाइनल करते हुए मार्च अंतिम सप्ताह में उनकी घोषणा की जाएगी। एक अप्रैल से नई दरें लागू हो जाएंगी।
- पिछले लंबे समय से घरेलू दरों में नहीं हुआ बदलाव
यूपीसीएल हर साल आयोग को बिजली दरों में बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव भेजता है। आयोग जन सुनवाई के बाद हर बार आम जन के ऊपर बढ़ोत्तरी का दबाव नहीं डाल रहा है। पिछले कुछ सालों में घरेलू दरों में बढ़ोत्तरी देखने को नहीं मिली है।
- यूपीसीएल ने भी इस बार कम बढ़ोत्तरी का भेजा प्रस्ताव
विद्युत नियामक आयोग को हर साल यूपीसीएल की ओर से अधिक बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव भेजा जाता था। पहले के वर्षों में 25 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव भेजा जाता था। इसके बाद के वर्षों में 15 से 10 प्रतिशत तक का प्रस्ताव भेजा गया। इस बार महज चार प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव भेजा गया।
यूपीसीएल की ओर से बिजली दरों में बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव आयोग को मिल चुका है। इस प्रस्ताव का अध्ययन किया जा रहा है। आम जनता से भी जल्द सुनवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इसके लिए स्थान और तारीखों को जल्द फाइनल कर दिया जाएगा। मार्च अंतिम सप्ताह तक नई दरों की घोषणा कर दी जाएगी।
एमके जैन, सदस्य विद्युत नियामक आयोग