पहले तीन दरिंदों, फिर ऑटो वाले ने भी किया था सामूहिक दुष्कर्म, एम्स में ऑपरेशन के बाद बमुश्किल बच पाई जान
निजी अंगों से बह रहा था खून और रात के घुप अंधेरे में आईटीओ से सराय काले खां तक जख्मी-अर्द्धनग्न हालत में दो किमी पैदल चलती रही पीड़िता, नहीं आया किसी को भी तरस
एफएनएन ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने संवेदनशील और स्मार्ट पुलिसिंग की बेहतरीन मिसाल पेश करते हुए 21 दिन की कड़ी मेहनत के बाद 2012 जैसे शर्मनाक निर्भया कांड का खुलासा करते हुए तीन दरिंदों को गिरफ्तार भी कर लिया है। हालांकि गैंगरेप का चौथा आरोपी अभी पुलिस की पकड़ से बाहर है।दिल्ली समेत पूरे देश को एक बार फिर शर्मसार कर देने वाली इस घिनौनी वारदात को 10-11 अक्तूबर 2024 की रात में ओडिसा की 34 साल की बिटिया के साथ अंजाम दिया गया था। ओडिसा सरकार ने भी अब घटना का संज्ञान लिया है।
दिल्ली पुलिस के अनुसार, ओडिसा की 34 वर्षीय युवती साल भर पहले घर वालों को बगैर कुछ बताए दिल्ली आ गई थी और पिछले कुछ माह से सोशल वर्कर की हैसियत से शोषित-पीड़ित महिलाओं और गरीबों के लिए काम कर रही थी। बताते हैं कि 10-11 अक्तूबर की रात लगभग साढ़े नौ बजे दिल्ली पुलिस के पुराने मुख्यालय से कुछ ही मीटर की दूरी आईटीओ के पास इस युवती के साथ तीन दरिंदों ने सामूहिक दुष्कर्म किया। उसके बाद ऑटो चालक ने भी राजघाट के पास गांधी स्मृति वाली सर्विस रोड पर ले जाकर उसके साथ ऑटो में दुष्कर्म किया। बार-बार किए गए दुष्कर्म से युवती का मानसिक संतुलन बिगड़ गया। ओडिशा की ये युवती अर्धनग्न-जख्मी हालत में ही राजघाट से दो किमी पैदल चलते हुए सराय काले खां पहुंच गई। स्ट्रीट साइटें बंद रहने से यह पूरा इलाका पिछले काफी समय से रात भर घुप अंधेरे में डूबा रहता है। युवती के निजी अंगों से खून बहता रहा, मगर रिंग रोड पर गुजर रहे हजारों वाहन चालकों में से किसी को भी इस युवती पर दया नहीं आई।
सराय काले खां पर युवती की हालत देखकर नौसेना के एक अधिकारी ने पुलिस को सूचना दी। दिल्ली पुलिस ने मरणासन्न युवती को एम्स में भर्ती कराया और केस भी दर्ज किया था। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अगर नौसेना अधिकारी द्वारा पुलिस को सूचना नहीं दी जाती तो युवती की मौत भी हो सकती थी। एम्स में युवती के निजी अंगों का ऑपरेशन हुआ है। गहरा सदमा लगने के कारण युवती अभी एम्स के मनोचिकित्सक विभाग में भर्ती है। दक्षिण-पूर्व जिला पुलिस ने करीब 21 दिन की कड़ी मेहनत के बाद ओडिसा की बिटिया के गुनाहगार तीन दरिंदों ऑटो चालक प्रभु, कबाड़ी की दुकान पर काम करने वाले प्रमोद और शमशुल लंगड़ा को गिरफ्तार कर लिया है।
दक्षिण-पूर्व जिला पुलिस उपायुक्त रवि कुमार सिंह ने आरोपियों की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। पुलिस ने गांधी स्मृति वाले सर्विस रोड से पीड़िता की खून से सनी सलवार और वारदात में इस्तेमाल किया गया आरोपी प्रभु का ऑटो रिक्शा भी बरामद कर लिया है। पकड़े गए आरोपियों ने कड़ी पूछताछ में पीड़िता के साथ दरिंदगी की बात कबूल भी की है।
सोशल वर्कर बनकर पीड़िता से मिली थी महिला सिपाही संगीता
आरोपियों को पकड़ने के लिए महिला सिपाही संगीता पीड़िता से सोशल वर्कर बनकर मिली थी। संगीता पर भरोसा होने के बाद एम्स में भर्ती पीड़िता ने अपने साथ हुई दरिंदगी बयां की। एसीपी ऐश्वर्या सिंह ने भी पीड़िता को न्याय दिलवाने को अपना उद्देश्य बना लिया था।
नौकरी के बहाने दिल्ली बुलाया और फिर छोड़ दिया
दिल्ली पुलिस के अनुसार, सोशल वर्क में एमए डिग्री होल्डर ओडिसा की इस युवती को उसके साथी ने अच्छा काम दिलवाने की बात कहकर दिल्ली बुलाया था। लेकिन खर्चा बढ़ने पर युवती उस पर भारी पड़ने लगी। तकरार के बाद साथी को छोड़कर वह कुछ दिन किशनगढ़ थाना क्षेत्र में ननों के साथ रही। यहां पर उसका कुछ मानसिक संतलुन बिगड़ गया। फिर वह सड़क पर आ गई। किशनगढ़ थाने में एक नन ने इसकी रिपोर्ट दी। बताया जा रहा है कि ओडिशा में परिजनों को सूचना दी गई। परिजन उसे लेने दिल्ली आए भी मगर वह उनके साथ गई नहीं।
ओडिशा सरकार ने भी लिया घटना का संज्ञान
ओडिशा सरकार ने भी इस जघन्य वारदात का संज्ञान लेते हुए दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की अपेक्षा की है। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि दिल्ली पुलिस ने 10 और 11 अक्तूबर की मध्यरात्रि को दिल्ली में एक ओडिशा की युवती के साथ सामूहिक बलात्कार में कथित संलिप्त तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। वारदात के बाद युवती को एम्स ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया, जहां उसका इलाज चल रहा है। इसी तरह, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में भी दो मामले दर्ज किए गए हैं।