यूसीसी के बिल में किसी धर्म विशेष का जिक्र नहीं
एफएनएन, देहरादून : देश के पहले समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के बिल में किसी धर्म विशेष का जिक्र तो नहीं, लेकिन कई नियमों के बदलाव में रूढ़ि, परंपरा और प्रथा को खत्म करने का आधार बनाया गया है। इद्दत, हलाला को भी प्रत्यक्ष तौर पर कहीं नहीं लिखा गया। हालांकि, एक विवाह के बाद दूसरे विवाह को पूरी तरह से अवैध करार दिया गया है।
सदन में सवाल-जवाब का दौर जारी
सीएम धामी ने दिया जवाब: जो युवा भर्ती में शामिल होना चाहते है उनके मुकदमे हर हाल में वापस होंगे। गुंडे बदमाशों के मुकदमे वापस नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि जिन युवाओं के फोन कांग्रेस विधायक सुमित हृदेश के पास आए हैं और वह भर्ती में शामिल होना चाहते है उनके मुकदमे वापस होंगे। कहा कि कांग्रेस विधायक ऐसे युवाओं की सूची उपलब्ध कराए।
- सदन में यूसीसी पर चर्चा जारी
सदन में यूसीसी पर चर्चा जारी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज पूरा देश उत्तराखंड को देख रहा है। उत्तराखंड के लिए यह युगांतकारी समय है। उन्होंने कहा कि मातृ शक्ति के उत्थान के लिए सभी लोग सकारात्मक रूप से चर्चा में भाग लें। यह हर पंथ, हर समुदाय और हर धर्म के लिए है।