एफएनएन, नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तारी और आबकारी नीति मामले में उनकी रिमांड के खिलाफ याचिका खारिज कर दी गई थी। उन्होंने अपील में तर्क दिया है कि आम चुनावों की घोषणा के बाद उनकी गिरफ्तारी एक साजिश के तहत की गई है।
हाईकोर्ट ने कहा था कि छह महीने में ईडी के नौ समन में केजरीवाल की अनुपस्थिति मुख्यमंत्री के रूप में विशेषाधिकार के किसी भी दावे को कमजोर करती है। इससे पता चलता है कि उनकी गिरफ्तारी उनके असहयोग का ही परिणाम थी। अपील में आगे कहा गया है कि केजरीवाल की गिरफ्तारी स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव और संघवाद पर आधारित लोकतंत्र के सिद्धांतों पर अभूतपूर्व हमला है, जो दोनों संविधान की मूल संरचना के महत्वपूर्ण घटक हैं।
गिरफ्तारी को अवैध घोषित करने की मांग
याचिका में दिल्ली के मुख्यमंत्री को जेल से रिहा करने की मांग करते हुए कहा गया था कि ईडी ने केवल राजनीतिक विरोधियों की स्वतंत्रता पर हमला करने के लिए उत्पीड़न के साधन के रूप में इसका इस्तेमाल किया। आम चुनाव 2024 के बीच इस तरह की गतिविधियां उनकी प्रतिष्ठा और आत्मसम्मान को धूमिल करने के लिए की गई। याचिका में शीर्ष अदालत से केजरीवाल की गिरफ्तारी को अवैध घोषित करने का आग्रह किया गया और कहा गया कि किसी भी परिस्थिति में ऐसी अराजकता की इजाजत नहीं दी जा सकती।