मीरगंज सीएचसी का बहुचर्चित प्रसव के बदले अवैध उगाही प्रकरण
एफएऩएन बरेली ब्यूरो। मीरगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर बीते दिनों प्रसव के नाम पर वसूली के बहुचर्चित प्रकरण में प्रसूता की शिकायत पर शनिवार को थाने में स्टाफ नर्स और आशा के विरुद्ध भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है। पुलिस स्टाफ नर्स को सीएचसी और आशा को गांव से पकड़कर मीरगंज थाने ले गई। विरोध में सीएचसी परिसर में डॉक्टरों सहित पूरे स्टाफ द्वारा जोरदार धरना-प्रदर्शन किया। इस दौरान करीब दो घंटे तक सीएचसी की ओपीडी पूरी तरह बंद रही और दूरदराज गांवों से आए सैकड़ों मरीज डॉक्टरों और स्टाफ के नहीं मिलने पर इधर-उधर भटकते रहे।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मीरगंज पर प्रसव के नाम पर वसूली मामले मे शनिवार को पुलिस ने सीएचसी अधीक्षक की शिकायत पर स्टाफ नर्स निहारिका यादव और आशा रितु के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया।पुलिस सीएचसी से स्टाफ नर्स निहारिका और गांव से आशा रितु को गिरफ्तार करके थाने ले आई। विरोध में अस्पताल का समस्त स्टाफ धरने पर बैठ गया और पुलिस-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करता रहा।
इस दौरान करीब दो घंटे तक अस्पताल की ओपीडी भी बंद रखी गई। सैकड़ों मरीजों बिना इलाज के इधर उधर भटकना पड़ा।
सीएचसी में तैनात चिकित्साधिकारी डॉक्टर अनिता ने बताया कि स्टाफ नर्स और आशा को पुलिस अपने साथ ले गई है। उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए बताया कि डॉक्टरों और पूरे स्टाफ द्वारा ओपीडी का बहिष्कार किया गया है। हालांकि इमरजेंसी सेवाएं चालू हैं।
चिकित्सा अधीक्षक विनय कुमार पाल ने बताया कि प्रसव के दौरान वसूली के आरोप में स्टाफ नर्स और आशा पर मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस दोनो को पूछताछ के लिए अपने साथ ले गई है। इसको लेकर अस्पताल परिसर में स्टाफ ने धरना प्रदर्शन किया है।उन्होंने समस्त स्टाफ से सख्ती से बोल दिया है कि मरीजों से किसी भी सेवा के एवज में रुपये नहीं मांगे जाएंगे।
बताते चलें कि 16 सितंबर को नथपुरा गांव के उमेश ने अपनी पत्नी अनिता का प्रसव कराया था। उन्होंने स्टाफ पर आरोप लगाया था कि डिलीवरी के नाम पर उनसे दस हजार रुपए की रिश्वत मांगी गई थी।उन्होंने पांच हजार रुपये डिलीवरी के बदले दिए भी थे। नथपुरा के ही जिला पंचायत सदस्य निरंजन यदुवंशी के नेतृत्व में भाजपाइयों और ग्रामवासियों ने अगले दिन अस्पताल परिसर में प्रसव के नाम पर अवैध वसूली के विरोध में जोरदार धरना प्रदर्शन किया था।
एसडीएम तृप्ति गुप्ता के कड़े रुख को भांपते हुए उसी दिन शाम को रिश्वत के पांच हजार रूपये अस्पताल स्टाफ द्वारा पीड़ित पक्ष को वापस भी करवा दिए गए थे। जिलाधिकारी और स्वास्थ विभाग द्वारा दो अलग- अलग जांचें चल रही थीं। जांच दलों के अधिकारियों ने अस्पताल स्टाफ, मरीजों और अन्य कई लोगों के भी बयान दर्ज किए थे।
शनिवार को उच्चाधिकारियों के आदेश पर चिकित्सा अधीक्षक द्वारा उस दिन ड्यूटी पर तैनात स्टाफ नर्स निहारिका यादव और गांव की आशा रितु के विरुद्ध भ्रटाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया था।
–मीरगंज (बरेली) से सनी गोस्वामी के इन्पुट्स के साथ यूपी-उत्तराखंड प्रभारी गणेश ‘पथिक’ की रिपोर्ट